लंदन: जेरेमी कोर्बीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त कर देने और इसके बाद भारतीय मूल की एक मंत्री सहित शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के इस्तीफा देने से ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को आज बगावत का सामना करना पड़ा। यूरोपीय संघ (ईयू) के जनमत संग्रह से ढुलमुल तरीके से अपने दिग्गज नेता के निबटने पर पार्टी में यह मतभेद उभर कर आया है।
हिलेरी बेन को विदेश मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद वित्त विभाग की मुख्य शैडो मंत्री सीमा मल्होत्रा कोर्बीन के खिलाफ बगावत करने वाले अपने सात सहकर्मियों की फेहरिस्त में शामिल हो गई हैं। कोर्बीन के मंत्रालय में भरोसा नहीं रह जाने की बात कहने के बाद शैडो विदेश मंत्री हिलेरी बेन को बर्खास्त कर दिया गया। इसके शीघ्र बाद उनके सहकर्मी शैडो स्वास्थ्य मंत्री हेइदी एलेक्जेंडर ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की घोषणा की। इस्तीफा देने वाले अगले मंत्री ग्लोरिया डे पीयरो थे जो युवा मामलों और मतदाता पंजीकरण के शैडो मंत्री थे। साथ ही, स्कॉटलैंड के लिए शैडो मंत्री इयान मर्ररे ने भी इस्तीफा दे दिया। मल्होत्रा के इस्तीफा देने के शीघ्र बाद शैडो परिवहन मंत्री लिलियन ग्रीनवुड, शिक्षा मंत्री लुसी पॉवेल और पर्यावरण, खाद्यान्न एवं ग्रामीण मामलों के प्रभारी केरी मैककार्थी ने भी इस्तीफा दे दिया। कोर्बीन के शैडो कैबिनेट के अन्य सदस्यों के भी इसी तर्ज पर चलने की उम्मीद है क्योंकि कई लेबर सांसद ब्रिटेन के ईयू पर जनमत संग्रह से निपटने के तरीके पर कोर्बीन की आलोचना कर रहे हैं।
28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से बाहर होने का देश को स्तब्ध कर देने वाला फैसला कई लेबर सांसदों की इच्छा के खिलाफ है। बेन ने कहा, ‘‘यदि जेरेमी नेता बने रहते हैं तो अगला चुनाव जीतने का कोई भरोसा नहीं है। जेरेमी को एक फोन कॉल में मैंने उनसे कहा कि मैंने पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर भरोसा खो दिया है और उन्होंने मुझे बर्खास्त कर दिया।’’
खबरों के मुताबिक यदि कोर्बीन अविश्वास प्रस्ताव की अनदेखी करते हैं तो इस स्थिति में बेन शैडो मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। बेन ने पार्टी नेतृत्व के लिए खुद के आगे आने की महत्वाकांक्षा से इनकार करते हुए बीबीसी से कहा कि ईयू जनमतसंग्रह नतीजे के बाद हमारे देश की इस बेहद नाजुक घड़ी में लेबर पार्टी को सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए पार्टी को मजबूत और प्रभावी नेतृत्व की जरूरत है। फिलहाल हमारे पास वह नहीं है और इस पर भरोसा नहीं है कि जेरेमी के नेता रहते हम आम चुनाव जीत पाने में सक्षम होंगे। 67 वर्षीय कोर्बीन अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं ।
ब्रेग्जिट के पक्ष में जनमत संग्रह आने के बाद लेबर सांसद डेम मार्गरेट हॉज और एन कोफी ने संसदीय लेबर पार्टी (पीएलपी) के अध्यक्ष जॉन क्रेयर को अविश्वास प्रस्ताव का एक नोटिस सौंपा। प्रस्ताव में कोई संवैधानिक शक्ति नहीं है लेकिन उसमें कल पीएलपी की अगली बैठक में चर्चा की मांग की गयी है। अध्यक्ष इस पर फैसला करेंगे कि इस पर चर्चा हो या नहीं। यदि यह स्वीकार हो जाता है तो मंगलवार को लेबर सांसदों का एक गुप्त मतदान हो सकता है।