बिहार प्रशासन ने किया 90 हजार राशन कार्ड धारकों के खिला’फ नोटिस जारी, मांगा जवाब

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कोरो’ना वाय’रस की वजह से पैदा हुई मुसी’बतों और बे’रोज’गारी की वजह से परे’शान लोगों को कुछ सहूलियत देने के लिए सरकार अपनी तरफ से लोगों को हर तरह की सुविधा प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) शहर में बड़ी तादाद में जिन लोगों के पास राशन कार्ड हैं उनको नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में प्रशासन ने राशन कार्ड(RATION CARD) धारकों से ये सवाल पूछा है कि, उनका राशन कार्ड रद्द क्यों नही कर दिया जाए? और प्रशासन ने ये क़दम इस लिए उठाया है क्योंकि राशन कार्ड लाभुकों के आधार कार्ड और बैंक खाते लिंक नहीं है। बिहार सरकार ने सभी राशन कार्ड होल्डर्स को कोरो’ना (COVID 19) काल में 1000 रुपए देने की बात कही थी। लेकिन बड़ी तादाद में राशन कार्ड होल्डर्स द्वारा बैंक खाता (BANK ACCOUNT) और आधार कार्ड (Adhar Card) लिंक नहीं होने की वजह से सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि इन लोगों के खाते तक नहीं पहुंची। इसके बाद बिहार सरकार ने सभी राशन कार्ड होल्डर्स को नोटिस जारी कर उनसे जवाब जानना चाहा है।

कोरो’ना संक्रमण के मुश्किल दौर में बिहार सरकार की कैबिनेट द्वारा ये फैसला लिया गया था कि सभी राशन कार्ड होल्डर्स को 1000 रुपए की राशि उनके बैंक अकाउंट में डाली जाए। और इस कार्य को पूरा करने के लिए एसडीओ और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को टास्क दिया गया था। लेकिन बहुत बड़ी तादात में लोग ऐसे है जिनके राशन कार्ड उनके आधार कार्ड से सालों से लिंक नहीं हैं। उनके बैंक अकाउंट भी लिंक न होने के कारण उनको ये सरकार की तरफ से दी गयी राशि प्राप्त नही हो पाई। ऐसे में प्रशासन को आशंका है कि बड़े पैमाने पर राशन कार्ड बना कर अनाज का उठाव तो किया जा रहा है लेकिन वास्तविक लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद बिहार प्रशासन ने सभी राशन कार्ड धारकों को डीलर्स के ज़रिए ये नोटिस जारी करवाया है।
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सूत्रों से बताया जा रहा है कि इस बात का खुलासा भी बाद में हुआ की किस तरह मुजफ्फरपुर में 170 से ज़्यादा राशन कार्ड मुजफ्फरपुर स्थित खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कै’दियों और कर्मियों के नाम बनाए गए थे। और बताया जा रहा है कि इन फ़’र्ज़ी राशन कार्डों के ज़रिए पिछले 6 सालों से राशन भी लिया जा रहा था। जब इस बात की खबर प्रशासन को हुई तो वो भी अब इस पूरे मामले की जांच करने में जुट गया है। इस तरह की आशंका जताई जा रही है कि खाद्य आपूर्ति योजना के तहत बड़े पैमाने पर 2014 में राशन कार्ड फर्जी तरीके से बनाए तो नहीं गए और कहीं इसका कोई असल हक़दार है भी या नही। इनका आधार कार्ड लिंक क्यों नही कराया गया है, और न ही बैंक अककॉउंट को राशन कार्ड से लिंक कराए गए हैं। इसके चलते प्रशासन ने राशन कार्ड का लाभ उठाने वाले सभी लोगों के पते पर ये नोटिस भेजा है और कहा है कि अगर इसका कोई जवाब नहीं आता तो उनका राशन कार्ड र’द्द भी किया जा सकता है।