देहरादून: झारखंड में शनिवार सुबह से ही राजनीति गरमाई हुई है। अबतक न तो चुनाव आयोग का आदेश अधिसूचित हुआ है, और ना ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफा मांगा गया है।
राजभवन ने अपनी सिफारिश चुनाव आयोग को भेजकर खामोशी की चादर ओढ़ ली है। गेंद चुनाव आयोग के पास है। वहां से पास मिलने पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचेगा। इस बीच सुबह से ही विधायकों की तोड़फोड़ की आशंका जताई जा रही है।
हेमंत सोरेन अचानक तीन बसों में विधायकों को भरकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। विधायकों की यह टोली छत्तीसगढ़ ही जाएगी या कहीं और, अभी इस बारे में कोई स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है।
छत्तीसगढ़ ले जाने की आशंका इसलिए जताई जा रही क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हेमंत सोरेन के रिश्ते अच्छे हैं। ये विधायक वाकई छत्तीसगढ़ ही जाएंगे या शाम तक घर लौट आएंगे, कहना मुश्किल है। हां, कांग्रेस नेताओं का दाव है कि ये विधायक शाम तक लौट आएंगे।
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आज शाम रांची पहुंच रहे हैं। कांग्रेस विधायक उनकी बैठक में जरूर नजर आएंगे। अचानक विधायकों को इस तरह बस में भरकर बाहर ले जाए जाने से तरह तरह की आशंकाओं को बल मिल रहा है।