दुनिया भर में टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है। इंसान का काम आसान करने के लिए अलग अलग और तरह तरह की मशीनें इजात हो रही हैं। भले ही इससे इंसान का काम आसान होता है लेकिन साथ ही इससे काफी नुक़सान भी होते हैं। इस समय पूरे देश में सबसे बड़ा मुद्दा प्रदूषण का है। खासतौर पर वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर देश में अक्सर बहस छिड़ी रहती है। इसके बढ़ने का ज़िम्मेदार सबसे ज़्यादा सड़कों पर चल रही गाड़ियों को ठहराया जाता है। ऐसे में इसके सुधार के लिए काफी तरीके ढूंढे जाते हैं।
खबर ये है कि अब इसको थोड़ा रोकने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और केपीआइटी टेक्नोलॉजी ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) से चलने वाली पहली प्रोटोटाइप कार का सफल परीक्षण देश में किया है। मिली जानकारी के मुताबिक इस बात खुलासा एक बयान में किया गया है। बता दें कि HFC देश भर में विकसित किया गया एक ईंधन (Fuel) सेल स्टैक है। HFC तकनीक विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच (हवा से) रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करती है और जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के उपयोग को समाप्त करती है।
बताया जा रहा है कि ये तकनीक सिर्फ पानी छोड़ती है जिसके कारण ये हवा में मौजूद हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी करती है। बता दें कि ईंधन सेल स्टैक से मतलब विद्युत (electricity) ऊर्जा पैदा करने वाली बैटरियों से है, जिन्हें एकत्र करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती। इसको 7 सीटों वाली कार में आसानी से फिट किया जा सकता है। गौरतलब है कि ये तकनीक 65-75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करती है जो वाहन चलाने के वक्त पैदा होने वाली गर्मी को सह सकती है।
वहीं बयान में कहा गया कि “CSIR और KPIT ने 10 किलोवाट की इलेक्ट्रिक बैटरी (Electric Battery) तैयार की है। HFC तकनीक का इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ेगा, प्रदूषण का स्तर कम होगा और दुनिया एक साफ-सुथरी जगह बन जाएगी। परीक्षण के लिए बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार में ही ईंधन सेल को फिट किया गया था।” माना जा रहा है कि ये तकनीक बड़ी वाहनों के लिए काफी अच्छी साबित होगी। क्योंकि बड़े वाहनों को चलाने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है।