कुछ दिन पहले ही केरल मे एक हाथी को बुरी तरह ज़हर देकर मा’रने का मामला सामने आया था और चर्चा का विषय बना रहा था। जिसने लोगों के दिलो को हिला कर रख दिया था और तो और इस घटना से मानवधर्म को मानने वाले लोगों को काफी सद’मा पहुंचा था। लेकिन इसी के चलते आज एक खबर ये भी मिली है कि जो कि इंसानियत के मिसाल है ये खबर पटना के दानापुर के जानीपुर की है। दरअसल यहां लोग इतने बे’रहम हो गए है कि हाथियों को मा’र कर उनके दांत और खाल को बेच कर अपने फायदे और अपनी जायदाद बढ़ाने में लगे हुए हैं। और वही दूसरी तरफ जानीपुर के रहने वाले एक शख्स अख्तर इमाम ने अपने दो हाथियों को पूरे 5 करोड़ की संपत्ति देकर उन्हें 5 करोड़ का मालिक बना दिया। जानकारी के मुताबिक पता चला है कि उनके बेटे के गलत संगत में पड़ने और गलत रास्ते पर चलने की वजह से उन्होंने अपने बेटे को अपनी जायदाद से बे’दखल कर दिया और अपनी जायदाद में से आधी अपनी पत्नी के नाम कर दी और अपने हिस्से की जायदाद अपने दो हाथियों के नाम कर दी है और बताया के जा रहा है कि उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दोनों हाथियों के नाम दस्तावेज भी बनवा दिए हैं।
सूत्रों से पता चला है कि अख्तर इमाम का कहना ये है कि उनकी सारी जायदाद हाथियों के नाम करने के बाद अगर उनको भविष्य मे कुछ हो जाता है तो सारी जायदाद एरावत संस्था के नाम हो जाएगी, और इसका इस्तेमाल हाथियों का संरक्षण करने और हाथियों को तस्करों से बचाने में हो सके। और सूत्रों से ये भी पता चला है कि सारी जायदाद हाथियों के नाम करने वाले अख्तर इमाम को लोग हाथियों वाला कहकर पुकारते हैं और बताया के भी जा रहा है कि अख़्तर इमाम का कहना है कि उन्होंने अपने दोनों हाथियों के नाम भी रख रखे हैं जिसमे से एक का नाम मोती है और दूसरे का नाम रानी रखा है। बताया जा रहा है कि उनके लिए परिवार हो या समाज सब कुछ उनके लिए हाथी ही हैं सूत्रों से पता चला है कि अख्तर इमाम एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक भी हैं। इनका पूरा जीवन हाथियों के लिए ही सम’र्पित है।
अख्तर इमाम से बात चीत से पता चला कि उनके ऊपर एक बार किसी तरह का जानलेवा हमला हुआ था और उनको उस हमले से हाथी ने ही बचाया था उन्होंने ये भी बतया की एक बार की बात है जब बद’माश पिस्तौ’ल हाथ मे लिए हुए जब उनके कमरे की तरफ बढ़ रहे थे तो हाथी उन्हें देख कर चिंघाड़ने लगा जिस की वजह से उनकी नींद खुल गयी और शोर मचाने पर बदमा’श भाग निकले। अख्तर इमाम बताते है कि उनकी कहानी थोड़ी अलग इस लिए भी है कि एक बार उनके बेटे ने जायदाद के चक्कर मे अपनी ही प्रेमिका पर दुष्कर्म का झूठा आरो’प लगा कर उन्हें जेल भी भिजवाया था। लेकीन जब इस बात की जाँच हुई तो ये बात सरासर गलत पाई गई और अख्तर इमाम ये बात भी खुद बताते हैं कि उनके बेटे मेराज ने पशु तस्करों से मिल कर हाथी बेचने की भी को’शिश करी थी मगर वह पक’ड़ा गया। बताया जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने अपनी सारी जायदाद हाथियों के नाम करदी है और अगर हाथी ना रहा तो उनके परिवार के किसी सदस्य को कुछ भी नहीं मिलेगा।
पटना के जानीपुर के रहने वाले 50 साल के अख्तर इमाम पिछले 10 सालों से अपने बीवी और बच्चे से अलग रह रहे हैं और अख्तर इमाम यह भी बताते है कि जब वो 12 साल के थे तब से वह हाथियों की से’वा कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि उनके दरम्यान पारिवारिक विवा’द के कारण 10 साल पहले उनकी पत्नी उनके 2 बेटे और बेटी के साथ घर छोड़ कर चली गयी थी। उन्होंने अपने बड़े बेटे मेराज उर्फ रिंकू को ग’लत रास्ते पर जाते देख उसे जायदाद से बे’दखल कर दिया है और अख्तर इमाम से पता चला है कि उन्होंने अपनी आधी जायदाद अपनी पत्नी के नाम लिख दी है और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ रुपए की जायदाद, खेत-खलिहान, मकान, बैंक बैलेंस सभी दोनों हाथियों के नाम कर दिया है और अख्तर इमाम का कहना है कि उन दोनों हाथियों की मौ’त के बाद ये सारी जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी।