पटना: लिंक भेजकर और OTP पूछकर खाते से रकम उड़ाने के साथ ही अब साइबर ठग नए तरीके से लोगों के खाते में सेंध लगा रहे हैं। साइबर अपराधी अब इंटरनेट पर वीडियो लाइक करने की ऑनलाइन जॉब के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं। ये अपराधी भेजे हुए लिंक को क्लिक कर टास्क पूरा करने पर खाते में मोटी रकम भेजने का झांसा देकर अकांउट खाली कर दे रहे हैं।
हाल के दिनों में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के साइबर सेल और थानों में इस तरह के केस आने लगे हैं। हाल ही में दो केस दीघा और पाटलिपुत्र थाने में दर्ज किए गए हैं। दोनों ही मामलों में पीड़ित ने वीडियो लाइक करने और टास्क पूरा करने के चक्कर में करीब 15 लाख रुपये गंवा दिए हैं।
केस-1
पाटलिपुत्र थाने में 18 मार्च को वीडियो लाइक करने के नाम पर 11 लाख 98 हजार रुपये की ठगी का केस दर्ज हुआ। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि एक मार्च को उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से ऑनलाइन जॉब के लिए मैसेज आया था, जिसमें उन्हें यू-ट्यूब के वीडियो लाइक करने के लिए मैसेज दिया गया। इसके बाद उन्हें टेलीग्राम एप से जोड़ा गया और इसके बाद उनके खाते से सात बार में 11 लाख 98 हजार रुपये की निकासी कर ली गई। साइबर सेल में भी इस ठगी की शिकायत की गई थी।
केस-2
दीघा में रामजीचक निवासी एक युवक ने 23 मार्च को अपने खाते से 3.22 लाख रुपये की निकासी का केस दर्ज कराया। उसने पुलिस को बताया कि 13 मार्च को सुबह करीब साढ़े नौ बजे उसके वाट्सएप नंबर पर एक लिंक आया। लिंक पर क्लिक करने के बाद एक पेज खुला। ठग ने उनसे लॉग-इन आइडी बनाने के बाद बैंक अकाउंट से लॉग-इन आइडी में पैसे ट्रांसफर करने को कहा। पीड़ित ने रुपये ट्रांसफर कर दिया। पीड़ित ने दिए गए टास्क को पूरा किया। इसके बाद ठग ने अपना संपर्क नंबर बंद कर दिया। बाद में पीड़ित को पता चला कि शातिर ने उनके खाते से 3.22 लाख रुपये उड़ा दिए हैं।
साइबर ठग वाट्सएप या फोन कर लोगों से जुड़ रहे हैं और फिर ऑनलाइन रुपये कमाने का झांसा दे रहे हैं। सामने वाला व्यक्ति जब जॉब के बारे में पूछता है तो जवाब आता है कि इंटरेनट मीडिया पर वीडियो लाइक कर घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। सुनने में बेहद आसान और कम मेहनत का काम लगने की वजह से लोग इसके लालच में फंस जा रहे हैं।
बताया जाता है कि वीडियो पर एक लाइक करने पर 50 से 100 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा साइबर ठग लिंक भेजकर टास्क दे रहे हैं। ये ठग झांसे में आने वाले लोगों से एक लॉग-इन आइडी बनवाते हैं। कई बार शातिर विश्वास में लेने के लिए उन्हें कुछ रुपये भी ट्रांसफर करते हैं। पीड़ित उनके झांसे में आकर दिए गए टास्क को पूरा करने लगता है। फिर जब भुगतान की बारी आती है, तब शातिर भुगतान करने में परेशानी का बहाना बनाकर उनसे आसानी से रुपये ट्रांसफर करने के लिए एप डाउनलोड कराकर बैंक से जुड़ी जानकारी, पासवर्ड से लेकर ओटीपी तक पूछकर पीड़ित के खाते से रकम उड़ा दे रहे हैं।