देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। पिछले कई महीनों से रोजाना इस्तेमाल में आने वाली चीजों के दामों में काफी बढ़ोतरी कर दी गई है। जनता की नजर में बढ़ती मंहगाई का जिम्मेदार भारत सरकार है। लेकिन देश की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि महंगाई की जिम्मेदार सरकार नहीं। एसबीआई का कहना है कि यूक्रेन-रूस के बीच का युद्ध इस बढ़ती मंहगाई का कारण है। इसके साथ ही बैंक का कहना है कि अगर युद्ध नहीं रुका तो महंगाई के भी थामने की कोई संभावना नहीं है।
एक रिपोर्ट जारी कर एसबीआई ने कहा कि “ग्रामीण क्षेत्रों में खाने की वस्तुओं के दाम अधिक हैं और शहरी इलाकों में यह बहुत अधिक हो गए हैं। फरवरी से अब तक बढ़ी कुल महंगाई में खाद्य व पेय पदार्थ, ईंधन, बिजली और ट्रांसपोर्ट ने 52 फीसदी का योगदान दिया है। अगर विशेष रूप से एफएमसीजी क्षेत्र में आ रही इनपुट लागत और पर्सनल केयर संबंधी वस्तुओं को भी महंगाई के फैक्टर में शामिल किया जाए तो कुल महंगाई का 59 फीसदी हिस्सा केवल रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ा है।”
बताते चलें कि इस दौरान एक बार फिर रेपो रेट में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। आरबीआई ने असामयिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को 40 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया था। बढ़ती मंहगाई से सबसे ज्यादा परेशान आम जनता है। पिछले कई महीनों से लगातार बढ़ती मंहगाई को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आम लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।