मुंबई में हर पल एक कानून बनता हैं और दूसरे ही सेंकड में बदल दिया जाता हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना को लेकर जारी किए गए एक आदेश में ऑटो और टैक्सी पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। ऑटो- टैक्सी पर प्रतिबंध, फिर आपातकालीन परिस्थिति में मुंबईकरों की यात्रा कैसे होगी? यह सवाल आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने उठाया हैं।
मुंबई में रेलवे, मेट्रो पूरी तरह बंद हैं। बेस्ट बस में आम लोगों को प्रतिबंध हैं। ऐसी स्थिती में मुंबई में जिस ऑटो या टैक्सी का सहारा आम लोगों के लिए होता हैं उसे सरकार ने प्रतिबंधित किया है। आज हर एक पास निजी गाड़ी नहीं हैं, यह कहते हुए अनिल गलगली ने कहा कि कभी अस्पताल जाना हैं तो आम नागरिकों के पास क्या विकल्प हैं? आपातकाल परिस्थिति में आम लोगों की यात्रा के लिए सरकार ने अबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की हैं।
अनिल गलगली का मानना है कि आदेश में प्रतिबंधित ऑटो और टैक्सी पर लगा बैन हटना चाहिए। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे, परिवहन मंत्री एड अनिल परब, मुख्य सचिव अजोय मेहता और परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने को चिठ्ठी लिखी हैं।