कोरो’ना वाय’रस संक्र’मण से पूरा देश जूझ रहा है और वाय’रस के संक्र’मण को रोकने की हर कोशिशें की जा रही हैं। वहीं बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन भी इसकी चपे’ट में कुछ वक़्त पहले आ गए थे और अभी तक अस्पता’ल में भर्ती हैं। अमिताभ बच्चन मुंबई के नानावती अस्पता’ल में कोरो’ना वाय’रस (Coronavirus) का इला’ज करा रहे हैं। अमिताभ बच्चन अपने फैंस को अपनी तबियत के बारे में समय समय पर अपने ट्वीटर अककॉउंट पर ट्वीट कर देते रहते हैं। इतने वक़्त से अस्पता’ल में रहने के अनुभव और वहां के अकेलेपन पर भी अमिताभ बच्चन अपने ट्वीटर पर ट्वीट कर जानकारी दे रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने बताया कि अस्पता’ल में रहते हुए उनको अपने बाबुजी की बहुत याद आ रही है, और इस बात की जानकारी उन्होंने अपने ट्वीटर अककॉउंट पर ट्वीट कर दी। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन द्वारा किया गया ये ट्वीट बहुत वाय’रल हो रहा है उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, “बाबूजी की कविता के कुछ पल, वो इसी तरह गाया करते थे कवि सम्मेलनों में।”
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अपने अस्प’ताल के अकेलेपन को बता कर आगे कहते हैं कि, “अस्पता’ल के अकेलेपन में उनकी बहुत याद आती है, और उन्हीं के शब्दों से अपनी सूनी रातों को आबाद करता हूं।” अमिताभ बच्चन द्वारा किया गया ये ट्वीट काफी वाय’रल हो रहा है और लोग इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन की जब कोरो’ना संक्र’मण होने पुष्टि हुई उसके बाद दोनों एक्टरों को 11 जुलाई को नानावती अस्प’ताल (Nanavati Hospital) के पृथ’क वार्ड में भर्ती कराया गया था। अमिताभ बच्चन द्वारा अपने ब्लॉग में शनिवार को कहा गया कि, इस बीमा’री से पैदा हुई मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि उसे मानवीय संपर्क से दूर रखा जाता है।
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) द्वारा कहा गया कि, “कोविड-19 (Covid 19) म’रीज को अस्पता’ल के अलग वार्ड में रखा जाता है जिससे वह हफ्तों तक दूसरे लोगों को नहीं देख पाता। नर्स और डॉक्टर इला’ज के लिए आते हैं और दवाएं देते हैं लेकिन वे हमेशा पीपीई किट्स पहने दिखाई देते हैं।” और उन्होंने कहा, किसी भी म’रीज को निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनने वाले का चेहरा नहीं दिखाई देता क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी अत्यधिक एहतियात बरतते हैं और इला’ज करके चले जाते हैं। अमिताभ बच्चन ने यह भी कहा कि, “चले जाते हैं क्योंकि लंबे वक्त तक रुकने से संक्र’मित होने का ड’र रहता है। जिस डॉक्टर के मार्गदर्शन में आपका इला’ज चल रहा होता है वह कभी आपके पास नहीं आता।”