‘तथास्तु प्रोडक्शंस’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अनूप जलोटा, भूमि त्रिवेदी जैसे कई सिंगर्स ने समां बाँध दिया: बॉलीवुड के मशहूर गीतकार आनंद बक्शी जो एक बहुत अच्छे शायर भी थे, उनकी याद में मुंबई में एक शानदार प्रोग्राम का आयोजन किया गया जो बेहद सफल रहा. ‘मैं शायर …’ नामक कार्यक्रम का आयोजन 24 जनवरी 2020 की शाम को किंग सर्कल स्थित शंमुखानंद हॉल में किया गया. ‘तथास्तु प्रोडक्शंस’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में संगीत जगत की कई नामी हस्तियां शरीक हुईं.
इस कार्यक्रम में मशहूर गायक अनूप जलोटा, भूमि त्रिवेदी, शैलेजा सुब्रमण्यम, समीर – दिपाली, सौरीन भट्ट, एल नितेश कुमार, हरप्रीत कौर जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से प्रसिद्ध गीतकार आनंद बक्शी को याद किया और उनके लिखे शानदार गीतों को एक बार फिर ताजा कर दिया. इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए आयोजकों ने बड़ी शिद्दत से मेहनत की.भजन सम्राट और बिग बॉस फेम अनूप जलोटा ने भी यहाँ आनंद बख्शी के कई गीत गाए जैसे “चिंगारी कोई भड़के तो”.. कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना”, ”सावन का महीना पवन करे सोर’ और “मै शायर तो नहीं”.
अनूप जलोटा ने यहाँ ”प्यार तेरी पहली नजर” गीत के सन्दर्भ में एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया. उन्होंने यहाँ भारी संख्या में मौजूद श्रोताओं से कहा कि मैं आप सब को ‘प्यार तेरी पहली नजर को सलाम’से जुड़ा एक किस्सा सुनाता हूँ. एक बार की बात है कि मुझे सिंगर लता जी से एक काम था मैंने लता जी से बात की तो उन्होंने एक स्टूडियो में मुझे बुलाया कि यहां मै एक गीत रिकॉर्ड कर रही हूं आप यहाँ आ जाइए. मैं वहां पहुंचा तो लता जी से बात हुई, वह गाना रिकॉर्ड करके चली गईं तो लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने मुझसे से कहा कि आप थोड़ा रुकिए आपसे एक काम है. फिर उन्होंने कहा कि आपको इस गाने की दो लाइन गानी है क्या आप गायेंगे? मैंने कहा कि बेशक हम गाएंगे। और फिर इस गाने की शुरुआत में जो वर्ड्स आते हैं ‘कोशिश करके देखले…” मैंने गाया, इस तरह यह गाना बना और इतना बड़ा हिट सॉन्ग साबित हुआ। स्टेज पे इस गीत को गाकर भी अनूप जलोटा ने समां बाँध दिया.
संजय लीला भंसाली की फिल्म राम लीला के लिए ”राम चाहे लीला चाहे” गाने वाली सिंगर भूमि त्रिवेदी ने भी स्टेज पे आनंद बख़्शी के गीत गाए। उन्होंने ‘लंबी जुदाई..’ और ‘रमता जोगी’ ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ गाने स्टेज पे गाए। मीडिया से बात करते हुए भूमि त्रिवेदी ने कहा कि लम्बी जुदाई गीत स्टेज पर गाकर वह काफी इमोशनल हो गईं क्योंकि लंबी जुदाई ही वह गाना था जिसे पहली बार भूमि ने स्टेज पे गाया था। इस प्रोग्राम को पेश करने वाले ‘तथास्तु प्रोडक्शन’ के भरत ओझा ने बताया कि इस कार्यक्रम का संगीत संयोजन अनूपम घटक ने बखूबी किया. आनंद बक्शी की गिनती बेहतरीन गीतकारों में होती है.
उन्होंने अपने 43 वर्षों के फ़िल्मी सफ़र में लगभग 600 फ़िल्मों के लिए 4 हज़ार से ज़्यादा सदाबहार और यादगार गीत लिखे हैं. आनंद बक्शी ने अपने मनमोहक गीतों से श्रोताओं और दर्शकों के दिलों में एक विशेष जगह बनाई है. ऐसे महान गीतकार को ट्रिब्यूट पेश करने के लिए हमने इस प्रोग्राम ‘मैं शायर’ का आयोजन किया और इसके रेस्पोंस ने हमें हौसला दिया है कि हम आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे. आपको बता दें कि रैना बीती जाए, पर्दा है पर्दा, ये रेशमी जुल्फें, छोटी सी उम्र में, मेरे ख्वाबो में जो आए, इतना तो याद है मुझे, जिन्दगी के सफ़र में, जिस गली में, सोलह बरस की, ऐसे न मुझे तुम देखो, जरा सा झूम लूँ मैं और दिल तो पागल है के गीत ले गई ले गई दिल ले गई जैसे बख़्शी साहेब के गीत भी यहाँ गाए गए।तथास्तु प्रोडक्शंस द्वारा प्रस्तुत इस कार्यक्रम को यु एफ ओ के सहयोग से पेश किया गया जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम और कोठारी फैब्रिक्स सह प्रायोजक थे वहीं सुरभि सलोनी मीडिया एवं नूतन सवेरा डिजिटल मीडिया पार्टनर था. इस कार्यक्रम को एम डबलू एफ आई एफ एफ (MWFIFF) के देवाशीष सरगम (राज) का भी सपोर्ट हासिल था.