समझौते के बाद तालि’बान को मिली अमेरिका से क’ड़ी चेता’वनी, कहा “समझौते को ख’त्म करने में…”

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शनिवार को अमेरिका तालि’बान के बीच समझौते के बाद, अमेरिका के र’क्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बड़ा बयान दिया। मार्क ने कहा कि अगर तालि’बान सुरक्षा गांरटी से इं’कार करता है और अफगा’निस्तान की सरकार के साथ वार्ता की प्रतिब’द्धता से पीछे हटता है तो अमेरिका उसके साथ ऐतिहासिक समझौते को ‘‘ख’त्म करने में नहीं हिचकेगा।”

कतर के दोहा में शनिवार को अमेरिका और तालि’बान के बीच शां’ति समझौते पर सहमति बन गई है। करीब 18 महीने की वार्ता के बाद दोनों प’क्षों ने इस शांति समझौता पर हस्ता’क्षर किए हैं। लगभग 30 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर हस्ता’क्षर के गवाह बने।

यह समझौता अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की देख रेख में हुआ। उन्होंने अलकायदा से संबं’ध समा’प्त करने की प्रतिबद्धता भी तालि’बान को याद दिलाई। समझौता होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के लोगों को नए भविष्य के लिए बदलाव को अपनाने की अपील की थी।

इस समझौते के तहत अमेरिका 14 महीने के अंदर अफगानिस्तान से अपने सैन्य बलों को निकाल लेगा। गृह यु’द्ध की आग में झुल’से अफगानिस्तान में अमेरिका पिछले 18 वर्षों से जं’ग लड़ रहा है। अमेरिका में हुए 11 सितंबर 2001 के हम’ले के बाद अमेरिकी सेना ने अफगा’निस्तान में डे’रा डाला था। इस सैन्य लड़ा’ई में अब तक काफी संख्या में लोग मा’रे जा चुके हैं।

अफगा’निस्तान और अमेरिका ने संयुक्त रूप से घोष’णा की है कि अफगा’निस्तान में अमेरिकी सैन्य ब’लों की संख्या घटाकर 8,600 की जाएगा। साथ ही अमेरिकी-तालिबान शांति समझौते में किए गए वादों को 135 दिन में लागू किया जाएगा। इस बीच अमेरिका ने फिर से जोर देकर कहा कि वह अफगा’निस्तान की सरकार की सहमति से लगातार सैन्य ऑपरेशन चलाने को तैयार है।

उन्होंने हस्ता’क्षर कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर कहा, ”अगर तालि’ और अफगान सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर पाते हैं तो हम अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे और अपने सैनिकों को घर वापस ला पाएंगे।” यदि तालि’बान समझौते का पालन करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी देश अफगा’निस्तान से 14 माह के भीतर अपने बलों को वापस बुला लेंगे।

माना जा रहा है कि अमेरिका और तालि’बान के बीच हुए समझौते से अफगा’निस्तान में शांति कायम होगी। साथ ही लंबे समय बाद अफगा’निस्तान गृह यु’द्ध से बाहर निकलेगा।