आधार सभी जगह जरूरी नहीं, सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अनिवार्य- सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आधार की अनिवार्यता को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को संवैधानिक ठहराया। हालांकि अदालत ने आधार संख्या को बैंक खाते तथा फोन नंबर से जोड़ने को असंवैधानिक बताते हुए इससे संबंधित प्रावधान रद्द कर दिए। कोर्ट ने कहा, आधार से जोड़कर बैंक में खाता खोलने की प्रक्रिया को संदेहास्पद नहीं बनाया जा सकता। वहीं, कोर्ट ने आधार को आयकर रिटर्न और पैन से जोड़ने की अनिवार्यता को बरकरार रखा।

आधार नंबर की अनिवार्यता और इससे निजता के उल्लंघन मामले की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने 1448 पन्नों में तीन फैसले सुनाए। पहला फैसला जस्टिस ए के सीकरी ने सुनाया जिससे मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और एएम खनविल्कर सहमत थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की राय जुदा थी। वहीं जस्टिस अशोक भूषण ने पहले फैसले से सहमति दिखाई लेकिन अपनी अलग राय व्यक्त की। संविधान पीठ ने कहा कि आधार का मतलब अद्वितीय है और अद्वितीय होना सर्वश्रेष्ठ होने से बेहतर है।

सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने ४:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि आधार से बहुत सारे लोग लाभान्वित हो रहे हैं तो ऐसी हालत में कुछ के छूट जाने के कारण इसे गलत नहीं कह सकते। आधार समाज के वंचित तबके को सशक्त बनाता है और उन्हें पहचान देता है।

अदालत ने कहा कि आधार के लिए न्यूनतम आंकड़े एकत्र किए जाते हैं जो कुछ ही सेकंड बाद सीधे यूआईडी में चले जाते हैं और इन्हें एकत्र करने वाला भी नहीं देख सकता। आधार योजना के सत्यापन के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रणाली है। इससे सिर्फ बायोमीट्रिक डाटा ही मैच किया जाता है, किसी की लोकेशन और लेनदेन नहीं। इसलिए इससे लोगों की प्रोफाइलिंग होना संभव नहीं है।

सर्वोच्च अदालत की की संविधान पीठ ने आधार की अनिवार्यता को लेकर कहा कि पैन नंबर को आधार संख्या से जोड़ना अनिवार्य होगा साथ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए भी आधार संख्या देना जरूरी होगा। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने और केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य होगा। जबकि बैंक खाते को आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य नहीं। खाता खोलते समय बैंक आधार की मांग नहीं कर सकते मोबाइल सिम लेने के लिए टेलीकॉम कंपनियां आधार नंबर नहीं मांग सकतीं। बच्चों के एडमिशन के समय स्कूल आधार नहीं मांग सकते। सीबीएसई, यूजीसी, नीट और बोर्ड परीक्षाओं के लिए भी आधार जरूरी नहीं है। आधार नहीं होने पर बच्चों को सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता।