हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब, चेहरे पर झुर्रियां, यूं ही आया नहीं करतीं

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हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब,

चेहरे पर झुर्रियां, यूं ही आया नहीं करतीं।

यह फोटो एक वृद्ध व्यक्ति की है, जिनके चेहरे की हर झुर्री जीवन के अनुभवों की कहानी बयान करती है। सफेद पगड़ी और पारंपरिक वेशभूषा में सम्मान और सांस्कृतिक विरासत झलकती है।

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पीछे नजर आ रहे कपड़े और ऊंट, किसी उत्सव या मेले की याद दिलाते हैं। यह चित्र (poddyz photography) ने अपने कैमरे में कैद किया। यह एक भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण है, जो समय और अनुभव की सुंदरता को दर्शाता है।