आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और रावल बदरीनाथ धाम रवाना हो गए हैं। कल गुरुवार 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले पांडुकेश्वर में सैकड़ों भक्त उमड़े। 25 अप्रलै को केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है।
जोशीमठ नृसिंह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, गाडू घड़ तेल कलश यात्रा और बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी व अन्य वेदपाठी योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पूर्व रावल ने नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना संपन्न की। इस दौरान भक्तों के जय बदरीविशाल के जयकारों से जोशीमठ गुंजायमान हो उठा।
पांडुकेश्वर से कुबेर जी और उद्धव जी की उत्सव डोली भी बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मंगलवार सुबह नौ बजे से नृसिंह मंदिर परिसर में बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने संकल्प पूजाएं संपन्न की। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे आर्मी की बैंड धुनों के साथ रावल के साथ ही अन्य वेदपाठी, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को पांडुकेश्वर के लिए रवाना किया गया।