जीभ और सिर काटने की धमकी देने वाले…आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद

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रामचरितमानस’ पर दिए बयान के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की खूब आलोचना हो रही है. अब उन्होंने आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने उनकी ‘जीभ काटने और सिर काटने’ वाला बयान देने वालों को आतंकवादी और जल्लाद कहा है.

मौर्य ने ट्विटर पर लिखा कि अभी हाल में मेरे दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.

किसने दिया जीभ काटने वाला बयान?

24 जनवरी को अखिल भारत हिंदू महासभा के एक नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जभी काटने वाले को 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. महासभा के जिला प्रभारी सौरभ शर्मा ने कहा, “कोई साहसी व्यक्ति, अगर वह सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काट देता है, तो उसे 51,000 रुपये का चेक दिया जाएगा. उन्होंने हमारे धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया है और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.

अखिल भारत हिंदू महासभा के सदस्यों ने मौर्य का एक प्रतीकात्मक जुलूस निकाला, उनका पुतला जलाया और उसे यमुना नदी में फेंक दिया. ABHM के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने पीटीआई से बात की और कहा, “हम सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की अपमानजनक टिप्पणी पर आपत्ति जताते हैं.

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “पूर्व कैबिनेट मंत्री जब बसपा में थे तो ‘जय भीम, जय भारत’ कहते थे, बीजेपी में शामिल हुए तो रामचरितमानस का सम्मान करने लगे और अब जब समाजवादी पार्टी में शामिल हुए तो रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.

बता दें कि रामचरिचमानस पर जो टिप्पणी स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी थी वो उसपर कायम हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा, “हमने किसी धार्मिक पुस्तक पर भी उंगली नहीं उठाई है. हमने तो तुलसीदास की लिखी रामचरितमानस के चौपाई के कुछ अंश पर बात की है… स्वाभाविक रूप से मैं सच के साथ खड़ा हूं, सच हमेशा विजयी होता है. जनता भी हमारे साथ में हैं. मैं किसी धर्म का विरोध नहीं कर रहा हूं, मैं किसी के आराध्य देव पर हमला नहीं कर रहा हूं.