राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हरियाणा सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। एनजीटी ने हरियाणा सरकार के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाई को अंजाम दिया है। बता दें कि एनजीटी द्वारा हरियाणा सरकार पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। ये जुर्माना क्यों लगाया गया है इसके बारे में भी जान लें। बता दें कि एनजीटी ने पाया है कि हरियाणा सरकार ने ठोस कचरा के निस्तारण पर ध्यान नहीं देकर पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। एनजीटी ने अनुसार इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ आम जनजीवन का स्वास्थ्य प्रभावित होने की आशंका है।
इस आरोप के चलते हरियाणा सरकार पर एनवायरनमेंटल मुआवजा का भुगतान करने का आदेश दिया है और इसके लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सरकार को एक महीने का समय दिया है। इस मामले की सुनवाई एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने की है। इस बेंच में जस्टिस सुधीर अग्रवाल, स्पेशलिस्ट मेंबर ए.सेंथिल वेल और अफरोज अहमद शामिल हैं। बेंच ने कहा कि “ग्रुरुग्राम में बांधवाड़ी लैंडफिल साइट पर पुराने कचरे को साफ करने में कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है। लेकिन एन्वायरनमेंटल इमरजेंसी होने के बाद भी जिम्मेदारों ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया है।”
बेंच ने इस मामले पर कहा कि “33 लाख मीट्रिक टन (एमटी) कचरा लैंडफिल साइट पर पड़ा था। उपचार क्षमता केवल 5,100 मीट्रिक टन प्रति दिन (टीपीडी) किया गया। इससे पता चलता है कि कचरे के निपटान में विफलता की वजह से गंभीर एनवायरनमेंटल क्षति जारी है। लेकिन इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई न ही इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई के लिए कोई ठोस काम किया।” इसके लिए हरियाणा सरकार को 100 करोड़ का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया है।