उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण और बिगड़े हालात, रानीखेत-अल्मोड़ा का मैदानी इलाकों से कटा संपर्क…

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बीते कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण उत्तराखंड के कई इलाकों में तबाही मची हुई है। नैनीताल, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर और चंपावत ( Nainital, Haldwani, Udham Singh Nagar, Champawat) जैसे सभी जिले इस भारी बारिश का शिकार हुए हैं। जानकारी के मुताबिक कुदरत के इस कहर के कारण अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी कई लोग लापता हैं। उत्तराखंड में बिगड़ते हालात के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) लगातार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से कॉन्टेक्ट कर रहे हैं।

नैनीताल में भारी बारिश के कारण नैनी झील का पानी बढ़ गया है और पानी सड़कों और लोगों के घरों तक आ गया है। इस बीच नैनीताल का संपर्क उत्तराखंड के दूसरे इलाकों से टूट गया था। लेकिन अब इसको पहले जैसा कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर रानीखेत में ईंधन की कमी हो गई है। जाकारी के अनुसार रानीखेत में सिर्फ आपात सेवाओं के लिए ही ईंधन बचा है। बता दें कि उत्तराखंड में खराब मौसम के बावजूद भी नैनीताल में बंद सड़कों को खोल दिया गया है। जिससे अब फंसे हुए पर्यटक के घर जाने का रास्ता खुल गया है।
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बताते चलें कि भारी बारिश के कारण हुए इस नुकसान को भरने का जिम्मा भी मोदी सरकार ने ले लिया है। मोदी सरकार की ओर से लोगों के हुए नुकसान का हर्जाना दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बारिश में मारे गए लोगों के लिए बीजेपी सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं इस दौरान जिनका घर ध्वस्त हुआ है, उन्हें 1.10 लाख रुपये मिलेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “जानमाल के नुकसान के आकलन के साथ सड़कें, पुल और आवागमन के अन्य रास्तों को बहाल करने का काम तेज कर दिया गया है।”