मुख्य मंत्री योगी के नगर गोरखपुर में कोहराम, 63 बच्चों की मौत, सीएम ने मांगी जांच रिपोर्ट

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मुख्य मंत्री योगी के नगर गोरखपुर में कोहराम, 63 बच्चों की मौत, सीएम ने मांगी जांच रिपोर्ट

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नगर गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पिछले छह दिनों में 63 बच्चों की मौत से कोहराम मचा हुआ है। जान गंवाने वालों में नवजात बच्चे भी शामिल हैं। यूपी सरकार ने इस मामले मेजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। बच्चों की मौतों के लिए इंफेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन अस्पताल और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण मानने से इनकार किया है।

 

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और तकनीकी व चिकित्साशिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगोंपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी है और वहां काफी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।

आशुतोष टंडन ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद इस पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मुझे और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को बुलाया था और वहां इस मामले की जांच और पूरी रिपोर्ट मांगी है। वहीं विपक्षी दलों की ओर से उठाए गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों को मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

अस्पताल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और चारों से पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।

गौरतलाब है कि घटना से दो दिन पूर्व सीएम योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज का हाल देखकर गये थे। बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये

 

का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी थी। वहीं यूपी सरकार का कहना है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है।

ताज्जुब है कि इतने बड़े संकट के बावजूद डीएम या कमिश्नर में से कोई भी शुक्रवार को दिन भर बीआरडी मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा। जबकि मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का कहना था कि दोनों अधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई थी।

 

बीआरडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति का संकट गुरुवार को तब शुरू हुआ जब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई। संकट को देखते हुए गुरुवार को दिन भर 90 जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई। रात करीब एक बजे यह खेप भी खप गई। जिसके बाद अस्पताल में कोहराम मच गया। साढ़े तीन बजे 50 सिलेंडरों की आपूर्ति की गई जो सुबह साढ़े सात बजे तक चला।

सुबह साढ़े सात बजे ऑक्सीजन खत्म फिर खत्म हो गई। जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। एम्बुबैग के सहारे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई। तीमारदारों के थक जाते ही डॉक्टर एम्बुबैग से ऑक्सीजन देते रहे।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार की देर शाम कहा कि आक्सीजन की कमी से पिछले कुछ घंटों में मेडिकल कालेज में भर्ती कई रोगियों की मृत्यु होने के संबंध में समाचार भ्रामक हैं। उन्होंने बताया कि इस समय गोरखपुर के जिलाधिकारी मेडिकल कालेज में मौजूद र

 

हकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रवक्ता के अनुसार मेडिकल कालेज में शुक्रवार को भर्ती सात मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से मृत्यु हुई है।

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री एवं सपा नेता राधेश्याम सिंह ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन में 30 मासूमों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषियों पर मौत की धारा में मुकदमा कायम करने और मृतक आश्रितों को फौरन 20-20 लाख रुपये की मदद करने की प्रदेश सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि सीएम मेडिकल कॉलेज का जिस दिन दौरा करते हैं, उसके दूसरे ही दिन आक्सीजन की कमी से मासूम तड़प-तड़प कर मरने लगते हैं। यह बताता है कि कॉलेज प्रशासन कितना गैरजिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में लीपापोती नहीं होनी चाहिए। दोषी अधिकारियों को सीधे बर्खास्त किया जाना चाहिए। सपा इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है। पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।