मोबाइल के लिए 21 लाख लीटर पानी बहाया, चली गई नौकरी

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छत्तीसगढ़ : कांकेर में मोबाइल के लिए 21 लाख लीटर पानी बर्बाद करने वाले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को जिला प्रशासन ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल जलाशय में सेल्फी लेने के दौरान गिर गया था। इसके बाद उसे तलाश करने के लिए पंप लगाकर सारा पानी बहा दिया गया। प्रशासन ने पानी निकालने की अनुमति देने वाले जल संसाधन विभाग के एसडीओ को  भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। फिलहाल यह कारस्तानी करने वाले फूड इंस्पेक्टर के शौक भी बहुत महंगे हैं। वह ‘थार’ और लाखों की बाइक से चलते हैं।

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ पंखाजूर के परलकोट जलाशय के पास पार्टी मनाने के लिए गए थे। सेल्फी लेने के दौरान उनका महंगा फोन पानी में गिर गया था। फोन को निकालने के लिए चार दिनों तक अभियान चलाया गया। इसके लिए पहले गोताखोरों की मदद ली गई। जब बात नहीं बनी तो 30 एचपी का पंप लगाकर जलाशय से 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। आखिरकार इसके बाद गुरुवार को उनका मोबइल मिल सका। फूड इंस्पेक्टर साहब का मोबाइल तो मिल गया, लेकिन पानी की बर्बादी गले की फांस बन गई।

मामला सुर्खियों में आने के बाद भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघले पर भी तंज किया था। सियायत गर्माने के बाद कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने फूड इंस्पेक्टर को परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर से 41104 क्यूबिक मीटर पानी व्यर्थ बहाने के लिए निलंबित किया है। वहीं जल संसाधन विभाग के एसडीओ को भी फूड इंस्पेक्टर को मौखिक अनुमति दिए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एसडीओ से 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। साथ ही एसडीओ पर कार्रवाई करने के लिए विभाग को भी पत्र लिखा गया है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही थी।

जलाशय के ओवर फ्लो टैंक में गिरे मोबाइल को पाने के लिए पानी निकलवाने वाले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास अपने महंगे शौक के कारण सुर्खियों में रहते हैं। इससे पहले थार गाड़ी और लाखों की बाइक रखने के कारण चर्चा में रहे। अब इस मोबाइल को भी 96 हजार रुपये का बताया जा रहा है। फूड इंस्पेक्टर राजेश की नियुक्त 22 दिसंबर 2018 को हुई थी। उसके बाद अन्तागढ़, भानुप्रतापपुर , कोयलीबेड़ा और पखांजुर में पदस्थ रहे हैं। कोयलीबेड़ा में पदस्थ रहने के दौरान स्वयं के राशन कार्ड के चावल में गड़बड़ी के मामले निलंबित हो भी हो चुके हैं।

मामला सामने आने के बाद BJP नेताओं ने भी इस पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि, दाऊ Bhupesh Baghel की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी अपने मोबाईल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।

पूर्व मंत्री और BJP नेता राजेश मूणत ने कहा कि, पखांजुर में फूड इंस्पेक्टर ने अपना मोबाइल निकालने के लिए जलाशय को खाली कर दिया! यह सामान्य बात नहीं है! भूपेश सरकार आने के बाद हर जिले में, हर स्तर पर प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर है! अधिकारी बेलगाम हैं, गली-गली में कांग्रेस सरकार बदनाम है!