है ना गजब! 13 दिन, पौने 4 करोड़ कांवड़िए और 1907 कोरोना सैंपल…

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हहरिद्वार: हाल ही में सरकार ने एक एसओपी जारी की थी। उसमें लिखा गया था केंद्र सरकार के निर्देशों पर कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कोरोना जांच में तेजी लाई जाए। कोरोना के नियमों का पालन किया जाए। शहर से गांव तक कहीं भी कोरोना के किसी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। आदेश जारी करने वाले और नियम बनाने वाले खुद भी नियमों का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं।

अब आपको एक ऐसा सच बताते हैं, जो आपको चौंकाने वाला तो होगा ही। सरकार के दोवों और आदेशों की हकीकत से भी आपको रू-ब-रू कराएगा। इन दिनों हरिद्वार में कांवड़ यात्रा चल रही थी। हालांकि, यात्रा का अब समापन हो चुका है। कांवड़ यात्रा के दौरान ही सरकार ने एसओपी भी जारी की थी। लेकिन, सरकार जो आंकड़े खुद ही जारी कर रही है। वही, स्वास्थ्य मंत्री और उनके नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।

दरअसल, स्वास्थ्य रोजाना कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट जारी करता है। उसी रिपोर्ट में सरकार के दावों का पूरा सच है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साफ हो जाता है कि 13 दिनों के भीतर हरिद्वार में जब पौने चार करोड़ कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने का दावा सरकार ने ही किया और कोरोना जांच का आदेश भी सरकार ही था। सवाल यह है फिर ऐसी कौन से अड़चन आई, जो स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच नहीं करा पाया।

13 जुलाई तक जिले में कोराना जांच सैंपल का कुल आंकड़ा 2624745 था। ठीक 13 दिन बाद 26 जुलाई को यही आकंड़ा 2626652 पहुंची। अब 13 जुलाई के आंकड़े को 26 जुलाई वाले आंकड़े कम कर दें तो पिछले 13 दिनों में केवल ओर केवल 1907 सैंपल लिए गए। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार अपने आदेशों के पालन और कोरोना की रोकथाम को लेकर कितनी गंभीर है।