आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सवर्णों का वोट बैंक साधने की नीयत से एक बड़ा दांव खेला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी कैबिनेट ने सरकारी नौकरी में सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि ये दस फीसदी रिजर्वेशन संविधान के मुताबिक दिए गए 50% के ऊपर होगा। इसके लिए सरकार संविधान में संशोधन कर आरक्षण को 60 फीसदी तक बढ़ाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए मंगलवार को प्रस्ताव लाया जाएगा।
मोदी सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। सवर्णों को दिए जाने वाले इस आरक्षण का आधार उनकी आर्थिक स्थिति रखा गया है। कहा जा रहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
मोदी सरकार के इस दांव को 2019 लोकसभा चुनाव में सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बीते साल 2 अप्रैल को दलित आंदोलन के बाद से मोदी सरकार से सवर्ण नाराज चल रहे थे। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सवर्णों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है, ताकि आने वाले चुनाव में सवर्ण वोट बैंक को साधा जा सके।