पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्कर ए तैयबा को उस समय गहरा झटका लगा जब उसका एक शीर्ष कमांडर अबु कासिम दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में हुई मुठभेड़ में मारा गया। इस साल उधमपुर में बीएसएफ पर हुए हमले सहित कई आतंकी हमलों के संबंध में वांछित 28 वर्षीय कासिम पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कासिम और उसके एक साथी के कुलगाम स्थित खांदीपुरा गांव में एक मकान में छिपे होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद देर रात दो बजे अभियान शुरू हुआ। यह गांव यहां से करीब 80 किमी दूर है। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के एक संयुक्त दल ने वहां पहुंचकर गांव को घेर लिया।
पुलिस के एक दल ने मोहम्मद अल्ताफ की अगुवाई में सात अक्तूबर को कासिम पर निशाना साधा था। लेकिन वह पुलिस दल पर अंधाधुंध गोली चलाते हुए भाग निकला था। इस गोलीबारी में ‘अल्ताफ लैपटॉप’ कहलाने वाले पुलिस अधिकारी अल्ताफ की जान चली गई थी जिन्होंने कई आतंकी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ किया था। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र ने बताया ‘सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।’
उत्तरी कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वाला कासिम दक्षिण कश्मीर में अपनी पकड़ बनाने के लिए प्रयासरत था। पिछले कुछ समय से वह शोपियां और कुलगाम के जंगलों के बाहर भी सक्रिय हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर 20 लाख रूपये का इनाम घोषित था। राज्य पुलिस को वर्ष 2013 में हुए हैदरपुरा मामले में कासिम उर्फ अबुर रहमान की तलाश थी। इस हमले में सेना के आठ कर्मियों को दिनदहाड़े मार डाला गया था।
इस साल अगस्त में उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर हुए आतंकी हमले में भी कासिम का नाम सामने आया था। इस हमले में बल के दो कर्मी शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया था और स्थानीय निवासियों ने दूसरे आंतकी मोहम्मद नावेद को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था। नावेद पाकिस्तानी नागरिक है। अल्ताफ कासिम की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे थे। कासिम की मौत अल्ताफ के पैतृक गांव से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुई।