नई दिल्ली – आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक दिलस्प मोड़ आ गया है, टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांक किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) को मेगा कांट्रेक्ट का ऑफर दिया है। वह भी तब जबकि एक महीने पहले ही राजनीतिक रिसर्च फर्म ने चंद्रबाबू नायडू को बुरी तरह से सत्ता से बहार करने में वाईएसआर कांग्रेस की मदद की थी। न्यूज 18 की एक खबर की मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार, नायडू ने भारतीय-राजनीतिक कार्रवाई समिति को एक बहु-वर्षीय अनुबंध की पेशकश की है।
प्रशांत किशोर को चंद्रबाबू नायडू ने दिया ऑफर
I-PAC के अंतिम ग्राहक वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी थे, जिन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की है। इस चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी भारी हार का सामना करना पड़ा था। जगन ने 2017 में किशोर को काम पर रखा था, जब उनकी राज्य में राजनीतिक स्थिति बेहद ही खराब स्थिति में थी। प्रशांत किशोर ने जगन के साथ मिलकर पार्टी के लिए पहला कदम 3600 किमी की पद यात्रा का उठाया था। इस यात्रा के तहत जगन में पूरे राज्य की पदयात्रा की थी। माना जाता है कि इस पदयात्रा ने जगन के पक्ष में हवा को मोड़ दिया। इसने जगन को मतदाताओं के करीब लाया।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि एक आधिकारिक समझौता हुआ है या नहीं। सूत्रों ने बताया कि नायडू ने I-PAC को एक प्रस्ताव रखा है। 2016 में भी नायडू किशोर की टीम के पास गए थे, लेकिन यह डील नहीं हो सकती थी। इस बात का सभी को बता है। इसके बाद विधानसभा चुनावों में नायडू और प्रशांत किशोर के बीच तल्खी देखने को मिली थी। प्रचार अभियान के दौरान नायडू ने प्रशांत किशोर को ‘बिहारी डाकू’ बताया था। उस समय नीतीश कुमार की जद (यू) के उपाध्यक्ष किशोर ने कहा था कि, नायडू निश्चित हार से बौखलाए हुए हैं।
बता दें कि, नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर दोनों ही पहले कह चुके हैं कि, आईपैक पूर्व में संगठनों के साथ जुड़ने के लिए स्वतंत्र है। बता दें हाल ही में प्रशांत किशोर ने 8 जून को ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की थी। जिसके बाद माना जा रहा है कि, वह अगले असाइंमेंट के तौर पर वह ममता बनर्जी के साथ विधानसभा चुनावों में जुड़ सकते हैं। प्रशांत किशोर 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए लोकसभा चुनावों में प्रचार की कमान संभाल चुके हैं।