विधायक चौधरी के चालीस वर्षो के अनुभवों का मिला पार्टी को लाभ। — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सौंपी थी उन्हें संयोजक की जिम्मेदारी।
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में भाजपा की जीत में रुद्रप्रयाग विधानसभा के विधायक भरत सिंह चौधरी ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सरकार, संगठन और कार्यकर्ताओं की धुरी बनकर एक अभिभावक के रूप में भी बेहतर प्रबंधन की नजीर पेश की।
20 मई 1959 में रानिगढ़ पट्टी के गड़गू गांव में एक सामान्य परिवार में जन्मे भरत सिंह चौधरी स्कूली जीवन से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते थे। युवा दौर में वह राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल होने लगे। वर्ष 1980 में हुए लोकसभा चुनाव और 1982 में हुए लोकसभा उप चुनाव में उन्होंने हिमालय पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा के लिए गांव-गांव भ्रमण कर वोट मांगे थे। तब, उनकी पहचान एक युवा नेता के रूप में होने लगी थी। इसी दौरान उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। सिर्फ 27 वर्ष की उम्र में वह अपनी ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान भी चुने गए। यहां से उन्होंने राजनीति को कॅरिअर के रूप में ले लिया। ग्राम प्रधान रहते हुए ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाओं पर जोर दिया। वर्ष 1991 में ग्राम प्रधान का कार्यालय पूरा होते ही वह राजनीति में और अधिक सक्रिय हो गए। राष्ट्रीय कांग्रेस के युवा नेता के रूप में उन्हें पहचान मिलनी लगी। अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर वह पार्टी गतिविधियों में भी शामिल होकर अपनी बात को मजबूती से रखने लगे। यहां से उन्होंने अपनी मंजिल भी तय कर ली थी और उस राह तक पहुंचने का संकल्प भी ले लिया था। वर्ष 1996 में भरत सिंह चौधरी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और मैदान में उतर गए। कर्णप्रयाग विधानसभा से वह जनता दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े। इस चुनाव ने उनकी राजनीति की समझ को और प्रगाढ़ किया। अब, भरत सिंह चौधरी रुकने वाले नहीं थे। वर्ष 2002, 2007 और 2012 में हुए विधासनसभा चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली, पर हौसला और बुलंद हुआ। वर्ष 2016 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। या यूं कहें कि वर्षों की तपस्या का सुखद पल अब उनसे कुछ ही दूर था। वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें रुद्रप्रयाग विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया। कुछ नया कर गुजरने की सोच और उत्साह के साथ उन्होंने अपना प्रचार शुरू किया। विधानसभा के एक-एक गांव की पगडंडियों को नापते हुए उन्होंने जनता से एक अवसर मांगा। यह चुनाव उनके साथ-साथ उनके दल यानी भाजपा के लिए भी साख का सवाल था। विकास की एक दूरदर्शी सोच को जनता ने समझा और भरत सिंह चौधरी को उत्तराखंड विधानसभा का सदस्य चुना। 30 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद मिली इस ऐतिहासिक जीत ने नव निर्वाचित विधायक को उत्तराखंड की राजनीति में स्थापित कर दिया। साथ भी भाजपा के खोए जनाधार को भी बंपर वोटों से वापस लौटा दिया। यहां से विधायक भरत सिंह चौधरी अब जनता के द्वारा, जनता के लिए और जनता के साथ कि सोच के साथ रुद्रप्रयाग विधानसभा में विकास की एक नई इबारत लिखने लगे। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क को विकास का मूलमंत्र मानकर उन्होंने सबसे पहले विधानसभा के सभी माध्यमिक स्कूलों को एलईडी स्मार्ट क्लास से जोड़ा। एनडीए सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मेधावियों को लैपटॉप उपलब्ध कराये। विधानसभा के हर उस गांव को सड़क से जोड़ने के लिए प्रयास किये, जो यातायात सुविधा से वंचित है। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में लेप्रोस्कोपिक मशीन सहित अन्य कई चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध कराए, जिससे इलाज सरल हो सके। उनके कार्यों को जनता ने सराहा और उन्हें 2022 में पुनः और अधिक मतों से जिताकर दूसरी बार विधानसभा सदस्य चुना। अपनी दूसरे कार्यकाल में विधायक भरत सिंह चौधरी विकास की नई परिभाषा तो लिख ही रहे हैं। साथ ही सरकार और संगठन के स्तंभ बनकर भी उभरे हैं। यही कारण है कि केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए रुद्रप्रयाग विस के विधायक ने बखूबी निभाया। अपने 40 वर्ष से अधिक के राजनीतिक जीवन के अनुभवों को अपनी ताकत बनाकर उन्होंने हर मोर्चे को सफलतापूर्वक पार करते हुए पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल को विजयश्री दिलाई। एक अभिभावक के तौर पर उन्होंने इस उप चुनाव के एक-एक मुश्किल को हल करने के साथ ही एक-एक सदस्य की बात भी सुनी और उनके सुझावों पर गौर भी किया। केदारनाथ विस उप चुनाव में भाजपा को जीत तो मिली ही। साथ ही रुद्रप्रयाग विस के विधायक भरत सिंह चौधरी के रूप में पार्टी को एक कुशल चुनाव रणनीतिकार, प्रबंधक भी मिला है।
बॉक्स न्यूज भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी सतेंद्र बर्त्वाल का कहना है कि विधायक भरत सिंह चौधरी जी के 40 वर्षों के राजनीतिक अनुभवों का लाभ केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को मिला। इस उप चुनाव में उन्होंने एक-एक कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की बात सुनी और ठोस निर्णय लिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने भी उनके राजनीतिक अनुभवों को देखते हुए उन्हें केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने इस जिम्मेदारी को एक अभिभावक के रूप में निर्वहन किया और पार्टीजनों के साथ अभिभावक के रूप में हर मोर्चे पर आगे खड़े रहे। उन्होंने अपने 40 वर्षों से अधिक राजनीतिक जीवन के अनुभवों को अपनी ताकत बनाकर इस चुनाव में वे हर मुश्किल को सफलतापूर्वक पार किया। उन्होंने पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल जी को पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को साथ लेकर विजय श्री दिलाई है। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को जीत के साथ विधायक चौधरी जी के रूप में एक कुशल चुनाव रणनीतिकार और प्रबंधक भी मिला है। अब, आगामी निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में विधायक भरत सिंह चौधरी और केदारनाथ विधानसभा की निर्वाचित विधायक आशा नौटियाल जी के अनुभवों का लाभ पार्टी को मिलेगा और बंपर जीत मिलेगी। प्रेषक: सतेन्द्र बर्त्वाल भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रुद्रप्रयाग