नई दिल्ली : ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को भी हंगामे के आसार हैं। इस मामले में कांग्रेस पर हमलावर रुख अख्तियार कर चुकी बीजेपी आज भी चर्चा के लिए नोटिस दे सकती है। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष की ओर से हो रहे हमले को बेअसर करने के लिए कांग्रेस ने भी आक्रामक तरीके से बचाव का फैसला किया है। ऑगस्टा वेस्टलैंड मामले में बीजेपी आज नोटिस दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे सकती है। गौर हो कि आजाद ने पीएम मोदी पर इटली के पीएम से मुलाकात करने और डील करने का आरोप लगाया था। वहीं, इस मामले को लेकर पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में आज कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के साथ बैठक की।
एक ओर, बीजेपी इस डील में कांग्रेसी नेताओं के नाम आने पर जवाब मांग रही है, वहीं कांग्रेस मोदी सरकार की तरफ़ से जांच आगे न बढ़ाने पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस की दलील है कि इस सौदे में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद उसने फिनमेकैनिका को ब्लैक लिस्ट कर दिया था, फिर मोदी सरकार ने उसे ब्लैक लिस्ट से बाहर क्यों किया। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर हुए विवाद के बीच सरकार ने कहा कि सौदे के बारे में वह सीबीआई से रिपोर्ट मांगेगी और ऑगस्टा वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी फिनमिकैनिका को काली सूची में डालने की पहल करेगी। साथ ही सरकार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने घोटाले में घिरी कंपनी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।
भाजपा ने अपनी योजना के मुताबिक 3600 करोड़ रूपये के वीवीआईपी ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में सोनिया गांधी का नाम घसीटा। इसके नव नामित सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने घोटाले में सोनिया का नाम लिया जिसके बाद राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस के सदस्य सदन में अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए और इसे एक घंटे तक बाधित कर दिया। हेलीकॉप्टर सौदे में सुब्रमण्मय स्वामी की ओर से सोनिया गांधी का नाम उछाले जाने को लेकर राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद शांति बनाए रखने की खातिर दो शीर्ष मंत्रियों ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ वार्ता की।
वहीं, पलटवार करते हुए सोनिया ने अपने और अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ आरोपों को ‘गलत और आधारहीन’ करार दिया और इसे ‘चरित्रहनन’ का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह ‘घेरे’ जाने से ‘भयभीत नहीं’ हैं। संसद भवन में संवाददाताओं से बात करते हुए सोनिया ने सरकार से कहा कि वह पिछले दो वर्षों से सत्ता में क्या कर रही है और मांग की कि जो जांच चल रही है वह निष्पक्ष तरीके से हो ताकि सच्चाई सामने आ सके। विवादास्पद सौदा और सौदे के लिए दिए गए 120 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत तथा इटली की एक अदालत में सोनिया, उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी के जिक्र वाले पत्र को लेकर राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। अदालत ने हेलीकॉप्टर कंपनी के प्रमुख कार्यकारी को दोषी ठहराया है। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भी इस गतिरोध में शामिल हो गए और कांग्रेस से कहा कि संप्रग सरकार के आदेश को दिखाएं जिसमें ऑगस्टा वेस्टलैंड को ब्लैकमेल किया गया था।
स्वामी ने हेलीकॉप्टर सौदे का मामला उठाया और प्रश्नकाल के दौरान सोनिया के नाम को उठाने की अनुमति मांगी। वहीं, सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए भाजपा ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से अपने ‘पुराने रिश्ते’ का इस्तेमाल कर यह पता लगाने को कहा कि क्यों एक इतालवी अदालत ने ऑगस्टा वेस्टलैंड भ्रष्टाचार मामले में उनका नाम लिया। भाजपा ने यह भी कहा कि अभी और खुलासे होंगे। केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सरकार व्यापक जांच की कांग्रेस प्रमुख की मांग पूरी करेगी और इसके तौर तरीके रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर की ओर से इस मुद्दे पर संसद में बयान देने के बाद तय किए जाएंगे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि इतालवी अदालत के दस्तावेजों में कुछ तथ्य हैं और उनका नाम है। (संप्रग सरकार के) कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के नाम भी हैं। इटली में उनके अवश्य ही कुछ संपर्क होंगे। उन्हें अपने पुराने संबंधों से यह पता लगाना चाहिए कि अदालत ने दो साल बाद ऐसा आदेश क्यों दिया।