पणजी – मध्य प्रदेश में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र एवं विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के एक अफसर की बैट से पिटाई का मामला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ कि अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के पुत्र एवं कांग्रेस विधायक नितेश राणे द्वारा एक सरकारी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने का वीडियो सामने आया है।
इस वीडियो में विधायक नितेश और उनके समर्थकों ने गुरुवार को एक सरकारी इंजीनियर पर पहले कीचड़ डाला और बाद में उसे कणकवली इलाके में एक पुल से बांध दिया। सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो में विधायक नितेश को अपने समर्थकों के साथ इंजीनियर प्रकाश शेडेकर को मुंबई-गोवा राजमार्ग के पास एक पुल पर सवाल-जवाब करते हुए देखा गया।
सिंधुदुर्ग जिले की कणकवली से विधायक नितेश ने पहले इंजीनियर के साथ सवाल-जवाब किये और फिर उनके समर्थकों ने उस पर दो बाल्टी कीचड़ डाल दिया। उसके बाद कांग्रेस विधायक और उनके समर्थक उस इंजीनियर को धकेल कर पुल के किनारे ले गए और उसे पुल से बांध दिया।
बताया जा रहा है कि नितेश मुंबई-गोवा हाइवे पर निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे। कणकवली में क्षतिग्रस्त सड़कों के निरीक्षण के दौरान बहुत सारे गड्ढे मिलने पर वह नाराज हो गए, जिसके बाद यह घटना हुई।
कांग्रेस विधायक नितेश राणे, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के प्रमुख नारायण राणे के पुत्र हैं। नितेश कणकवली विधानसभा सीट से वर्ष 2014 के चुनाव में 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे। उनके पिता नारायण राणे ने 21 सितम्बर 2017 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ नाम से अपनी पार्टी बनायी थी।
नारायण राणे वर्ष 1999 में करीब नौ महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री थे। उन्हें शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का करीबी माना जाता था। वर्ष 2005 में अनबन के बाद उन्होंने शिवसेना छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हुए थे।
कुछ साल पहले नितेश राणे और उनके तीन समर्थकों को महाराष्ट्र सीमा पर टोल बूथ के अधिकारियों की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय टोल के पैसे मांगने पर यह झगड़ा हुआ था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के इंदौर में क्रिकेट बैट से नगर निगम के एक अधिकारी के साथ मारपीट की थी। अधिकारी को सिर में चोटें आईं और आकाश को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर की घटना का संज्ञान लिया और पार्टी नेताओं को ऐसे कामों में शामिल होने के लिए फटकार लगाई।