एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए, ये रकम है जो अजीम प्रेमजी ने परोपकार के लिए दान कर दी है। महाभारत की कहानी के मुताबिक भारत की धरती के सबसे बड़े दानवीर हुए हैं कर्ण, लेकिन आधुनिक जमाने के सबसे बड़े दानवीर हैं विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी।
देश के हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति वाले धनवीरों की भीड़ में अजीम प्रेमजी एकदम अलग नजर आते हैं क्योंकि जितना वो कमाते हैं उसका बड़ा हिस्सा दान में दे देते हैं। प्रेमजी देश की दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन हैं और चौंकिएगा मत उन्होंने अपनी 34 परसेंट हिस्सेदारी परोपकार के लिए दे दी है। जिसका भाव है 52,750 करोड़ रुपए।
परोपकार के कामों के लिए इतनी बड़ी रकम दान देने वाले अजीम प्रेमजी भारत ही नहीं एशिया के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं। माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स, दिग्गज निवेशक जॉर्ज सोरोस और वॉरेन बफेट जैसे दुनिया के सबसे बड़े दानवीरों की लिस्ट में प्रेमजी का नाम भी शामिल हो गया है।
विप्रो कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी की तरफ से ऐलान किया गया है कि विप्रो की 34 फीसदी हिस्सेदारी यानी करीब 52,750 करोड़ रुपये के शेयर वो परोपकार के लिए दान में दे रहे हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने अपने बयान में कहा, “अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी प्रॉपर्टी का ज्यादा से ज्यादा त्याग कर, उसे धर्माथ के कामों के लिए दान में देकर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाई है। इससे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को परोपकार के कामों में सहयोग मिलेगा।”
अजीम प्रेमजी की इस पहल से उनके परोपकार के कामों के लिए दान की गई कुल रकम 1,45,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) हो गई है, जोकि विप्रो लिमिटेड के आर्थिक स्वामित्व का 67 फीसदी है। बिल गेट्स और वॉरेन बफेट की ओर से शुरू की गई पहल ‘द गिविंग प्लेज’ पर हस्ताक्षर करने वाले अजीम प्रेमजी पहले भारतीय थे। इस पहल के तहत अरबपति अपने धन का कम से कम आधा हिस्सा सामाजिक कार्यों के लिए दान करते हैं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति अजीम प्रेमजी सादगी पसंद शख्स हैं। प्रेमजी मानते हैं कि उनकी व्यावसायिक सफलता ने ईर्ष्या पैदा करने की बजाय भारत की एक नई पीढ़ी को और कारोबार करने के लिए प्रेरित किया।
उनका कहना था, “मेरी दौलत पर जिस तरह से लोगों का ध्यान जाता है मैंने सोचा कि लोग मेरे प्रति द्वेष की भावना रखने लग जाएंगे, लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। इसने कई लोगों में और भी ज्यादा महत्वाकांक्षा भर दी।”
अजीम प्रेमजी को जानने वाले लोग बताते हैं कि वह अभी भी बहुत महंगी गाड़ियां नहीं चलाते हैं। इसके अलावा वह हवाई जहाज के इकॉनॉमी क्लास में ही सफर करते हैं और बंगलोर में विप्रो हेडक्वार्टर के अहाते में ही रहते हैं। इतना ही नहीं, वह लग्जरी होटलों की जगह कंपनी गेस्ट हाउस में ठहरना पसंद करते हैं।