डॉक्टर पर मैं ESMA नहीं लगाना चाहती: ममता

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कोलकाता – पश्चिम बंगाल में मरीजों बनाम डॉक्टरों का झगड़ा अब राज्य सरकार बनाम डॉक्टरों का बन गया है। 15 जून की शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सामने आकर कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की सारी मांगे मान ली हैं लेकिन वो ही मानने को तैयार नहीं। कुल मिलाकर सुलह की गुंजाइश फिलहाल नहीं दिख रही। इस बीच राज्य में मेडिकल सेवाओं का बुरा हाल हो रहा है। लगभग हर अस्पताल के बाहर मरीज बेहाल नजर आ रहे हैं।

15 जून को दिन भर इस बात के कयास लगते रहे कि जिस अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट हुई थी, ममता वहां जाकर डॉक्टरों से बातचीत करेंगी लेकिन आखिर में उन्होंने अपने एक मंत्री और प्रमुख सचिव को डॉक्टरों से मिलने के भेज दिया। चूंकि डॉक्टरों की एक मांग ये है कि ममता खुद आकर बात करें इसलिए वो नहीं मानें। खुद ममता ने बताया कि 14 जून को भी सरकार ने डॉक्टरों से बातचीत के लिए पांच घंटे का इंतजार किया लेकिन वो नहीं आए।

ममता बनर्जी, सीएम, पश्चिम बंगालहमने डॉक्टरों की सारी मांगें मान ली हैं, हमने अपने मंत्रियों और प्रमुख सचिव को उनसे मिलने भेजा, लेकिन उन्होंने बातचीत नहीं की। आपको संवैधानिक संस्थाओं की कद्र करनी होगी।ममता बनर्जी, सीएम, पश्चिम बंगालहमने किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। हम कोई पुलिस एक्शन नहीं लेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं का ये हाल जारी रहने नहीं दिया जा सकता। मैं डॉक्टरों पर ESMA नहीं लगाना चाहती। चूंकि हमने सारी मांगें मान ली हैं इसलिए डॉक्टरों को काम पर लौट जाना चाहिए।

बता दें कि बंगाल के NRS अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों ने डॉक्टरों से मारपीट की। इसमें एक जूनियर डॉक्टर बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद बंगाल के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। बंगाल के अपने साथियों का साथ देने के लिए कई और राज्यों के डॉक्टरों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को देश व्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।

गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की सरकार से डॉक्टरों की हड़ताल और चुनाव बाद हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है। पिछले 15 दिन में ये दूसरी बार है जब केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की सरकार को एडवाइजरी जारी की है।