लखनऊ – उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए निर्णय लिया है कि अब प्रदेश में बीएड डिग्री धारक भी प्राईमरी टीचर बन सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन को मंजूरी मिल गई, जिसके बाद प्रदेश के जूनियर बेसिक स्कूलों (कक्षा 1 से 5) में अब बीएड डिग्री धारक भी शिक्षक बन सकेंगे, हालाृंकि ऐसे टीचर्स को नियुक्ति के 2 वर्ष के भीतर प्राथमिक शिक्षा में 6 महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से हजारों बीएड डिग्रीधारकों में खुशी का माहौल बन गया। ज्ञातव्य है कि शिक्षक भर्ती के लिये अभी तक वे डिग्री धारक ही आवेदन कर सकते थे, जिन्होंने टीईटी क्वालीफाई किया है या फिर उम्मीदवार राष्ट्रीय शिक्षा परिषद से दो वर्षीय डी।एल।एड (बी।टी।सी ) या यूपी टेट पास हो। अब साधारण बीएड डिग्री धारक भी सहायक शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस सम्बन्ध में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में क्वालीफाइंग माक्र्स को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले शिवेंद्र ने कहा कि उन्हें सरकार के इस फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल हम पर यह आरोप लगता रहा है कि बीटीसी वाले चुनौती से डरते हैं, लेकिन अगर सरकार ने बीएड को बीटीसी के बराबर करने का फैसला लिया है तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि अब हमें भी एलटी ग्रेड और टीजीटी के लिए अप्लाई करने का मौका मिलना चाहिए, जिस तरह बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति के बाद कोर्स करना होगा, वैसा कोर्स हमारे लिए भी हो। सरकार के इस फैसले के आधार पर उन्होंने आने वाले दिनों में बीटीसी फाईनल करने वालों को एलटी ग्रेड और टीजीटी में मौका देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही। प्रदेश सरकार द्वारा आज लिये गये निर्णय से हजारों बीएडी डिग्रीधारकों ने खुशी का हजार करते हुए कहा कि अब उन्हें सरकारी नौकरी मिलने की संंभावना जगने लगी है।