मां को मां कहने में कैसा संकोच, आप प्रतिष्ठा दीजिए, गौमाता आपको आशीर्वाद देगी

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झारखंड : गौध्वज स्थापना भारत यात्रा के 14वें दिन  ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द झारखण्ड की राजधानी रांची में यात्रा के प्रदेश प्रभारी विज्ञान सिंह के आवास पहुंचे, जहां उनका पारम्परिक तरीके से अभिनन्दन किया गया। पादुका पूजन कर भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया ।

मध्याह्न के अभिजित मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करने के बाद पहाड़ी मन्दिर परिसर में शंकराचार्य  महाराज ने गोप्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना की । उसके बाद राणी सती मन्दिर में उपस्थित विशाल जनसमूह को शंकराचार्य जी महाराज ने सम्बोधित किया ।

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शंकराचार्य महाराज ने उपस्थित विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें गर्व से गाय को माता का दर्जा देना चाहिए , भले गौमाता हमारी जन्मदात्री मां नहीं है लेकिन हमारे जीवन से जुड़ी हुई है। हम जिस सनातन धर्म को मानते हैं वो धर्म वृषभ है और वो धर्ममय वृषभ गौमाता का पुत्र है, इसलिए हम सब भी गौमाता की ही संतति हैं। आज आवश्यकता है कि हम गौमाता को औपचारिक रूप से मां कहकर उसका सम्मान करें और भारत देश से गौहत्या का कलंक समाप्त करें ।

जब तक इस देश में गौमाता की सर्वोपरि सेवा होती थी तब तक हमारे देश में सुख- चैन और समृद्धि थी लेकिन जैसे – जैसे हम गौसेवा से वंचित होते गए हमारा जीवन नीरस होता गया । गौमाता के वेदप्रतिपादित महत्व को समझकर उनकी सेवा के प्रति अपने दायित्व को निभाना आवश्यक है। इसलिए समस्त हिन्दू समाज इस अनुशासन को जीवन में उतार कर गोमाता का आशीर्वाद प्राप्त करें ।

प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मन्त्री ने अल्पप्रवास पर रांची पधारे शङ्कराचार्य जी महाराज के दर्शन किए और स्वर्णरेखा नदी की स्वच्छता के लिए उनके द्वारा किए जा रहे कार्य से अवगत कराया , पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज ने मन्त्री जी के द्वारा किए जा रहे इस कार्य की प्रशंसा करते हुए समाज को अपनी प्राकृतिक संपदा नदी जंगल आदि के संरक्षण का सन्देश दिया ।

6 अक्टूबर को उड़ीसा प्रदेश की राजधानी भुवनेश्वर में गोप्रतिष्ठा ध्वज स्थापित करेंगे शङ्कराचार्य। आज रांची के कार्यक्रम को सम्पन्न करके निर्धारित समय 3 बजे सड़क मार्ग से करंजिया प्रस्थान किया पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज आज रात्रि-विश्राम के अनन्तर भुवनेश्वर पहुंचेंगे।

शंकराचार्य के साथ उपस्थित रहे सर्वश्री गो गंगा कृपाकांक्षी गोपालमणि महाराज, स्वामी अम्बरीशानन्द, यात्रा प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, यात्रा के प्रमुख सहयोगी आर के अग्रवाल, ओमप्रकाश दास, अमरदास, केशवदास, परमानन्द दास, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, जयशंकर पाठक, यात्रा सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, संचालक आनन्द उपाध्याय जी, प्रदेश संयोजक विज्ञान सिंह, शैलेन्द्र गुप्ता, राजे जी, राहुल सिंह, मोहन यादव, प्रदेश प्रभारी श्रीप्रकाश पाण्डेय, नामधारी जी आदि शामिल रहे।