टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे। 7 अक्टूबर को भी उनके ICU में भर्ती होने की खबर थी। हालांकि रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘मैं ठीक हूं और ज्यादा उम्र के कारण रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था।’ टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिक्ष राहुल गांधी, गौतम अडाणी समेत कई नेताओं और बिजनेसमैन ने शोक व्यक्त किया।
22 साल तक ग्रुप के चेयरमैन थे रतन टाटा: 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन, टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वे 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। निधन से पहले तक रतन टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे।
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। टाटा समूह ने इसकी जानकारी दी है। टाटा समूह ने कहा कि अपार दुख के साथ हम अपने प्रिय रतन के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते हैं। हम, उनके भाई, बहन और स्वजन, उनकी प्रशंसा करने वाले सभी लोगों के प्रेम और सम्मान से सांत्वना महसूस करते हैं।
रतन टाटा के निधन पर टाटा समूह के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ हम रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि राष्ट्र को भी आकार दिया है।
मुंबई पुलिस के दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख ने कहा कि सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक उनका पार्थिव शरीर दर्शन के लिए NCPA में रखा जाएगा, जो भी लोग दर्शन के लिए आएंगे उनसे अपील है कि वहां पार्किंग की सुविधा नहीं है तो उन्हें पुलिस के निर्देशों का पालन करना होगा और अपनी पार्किंग की व्यवस्था देख कर आएं।
रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी विदाई। वहीं मुंबई में 10 बजे से लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। वहीं, रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रतन टाटा जी बहुत ही सफल उद्योगपति तो थे ही, लेकिन उससे भी बड़े व्यक्ति के रूप में हम उन्हें देखते हैं। उन्होंने देश और समाज के लिए काम किया है। उन्होंने केवल सफल उद्योग नहीं बल्कि एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया जिसने हमारे देश को एक वैश्विक पहचान दी। देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है।