उत्तराखंड : युवाओं को मिले नियुक्ति पत्र, PM मोदी ने दे शुभकामनाएं

0
86

देहरादून : मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित रोजगार मेले में पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित सहायक अध्यापकों (LT) को नियुक्ति पत्र वितरित किये। नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुये सीएम ने कहा कि उनके पास एक नये समाज के निर्माण की जिम्मेदारी आ गई है। जिसका उनको पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करना है। शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, इसके लिये शिक्षा विभाग द्वारा कई नई योजनाएं संचालित की जा रही है।

कलस्टर विद्यालय

नवनियुक्त सहायक अध्यापकों को शुभकामनाएं देते हुये शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024 पूर्ण साक्षर राज्य एवं वर्ष 2025 तक नशा मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिये उन्होंने नवनियुक्त सहायक अध्यापकों का आह्वान करते हुये इन अभियानों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। विभागीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिये एक हजार विद्यालयों को कलस्टर मॉडल स्कूल बनाया जा रहा है जिनमें तीन किलोमीटर सीमा के तहत आने वाले प्राथमिक, जूनियर, हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विद्यालयों को एक साथ जोड़कर कलस्टर विद्यालय के रूप में स्थापित किये जायेंगे। इससे जहां एक ओर शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं विद्यालयों के उच्चीकरण एवं साधन सम्पन्न बनाने में भी आसानी होगी।

प्रतिदिन 100 रूपये दिये जायेंगे

कलस्टर विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राओं को किराये के रूप में प्रतिदिन 100 रूपये दिये जायेंगे। इसी प्रकार प्रदेशभर के 270 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है। जिनमें अवस्थापना कार्यों से लेकर पुस्तकालय, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास सहित तमान सुविधाओं एवं पठन-पाठन के लिये 1.5 करोड़ से 2 करोड तक की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी। डॉ0 रावत ने कहा कि कक्षा-6 से 12 तक के ऐसे छात्र-छात्राओं को जो 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें 600 से लेकर 3000 रूपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। इसके लिये शीघ्र ही मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना शुरू की जायेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 17 लाख छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, नोट बुक, स्कूली ड्रेस, स्कूल बैग व जूते उपलब्ध करा रही है। निकट भविष्य में सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी सरकार इस योजना का लाभ देगी।

799 आंगनबाड़ी केन्द्रों को 6 करोड़ जारी

राजकीय विद्यालयों के परिसरों में संचालित 799 आंगनबाडी केन्द्रों हेतु केन्द्र सरकार ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर एवं आउट डोर प्ले मटीरियल उपलब्ध कराने के लिये 6 करोड़ 23 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। जिसमें से राज्य समग्र शिक्षा परियोजना कार्यालय की ओर से प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्रों को 78 हजार रूपये की धनराशि जारी कर दी गई है। इसी के साथ विद्यालयों में बालवाटिकाओं को आकर्षक बनाने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश भी अधिकारियों को दे दिये गये हैं। इस प्रकार इस योजना को लागू करने वाला उत्तराखंड देश के पहला राज्य बन गया है।

डायटों को प्रशिक्षण के लिये मिलेंगे 5-5 करोड़

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को आधुनिक एवं संसाधन सम्पन्न बनाया जायेगा। इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक डायट को 5-5 करोड़ की धनराशि दी जा रही है। डायटों के माध्यम से सभी शिक्षकों के लिये विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही अभिभावकों को भी छात्रों के हित में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

27 मार्च को होगा विद्या समीक्षा केन्द्र का लोर्कापण

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत राज्य में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की जा रही है, जिसके लिये केन्द्र सरकार ने 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। आगामी 27 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा इसका लोर्कापण शिक्षा महानिदेशालय देहरादून में किया जायेगा। विद्या समीक्षा केन्द्र शुरू होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था शत-प्रतिशत ऑनलाइन हो जायेगी। जिसके तहत प्रत्येक विद्यालय का सम्पूर्ण विवरण के साथ ही छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन रहेगा। समीक्षा केन्द्र के कंट्रोल रूम में बैठकर शिक्षकों द्वारा विद्यालयों में अध्यापन के कार्यों के साथ ही छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति का आंकलन भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। इस प्रकार विद्या समीक्षा केन्द्र प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की मॉनिटिरिंग के लिये मील का पत्थर साबित होगा।