पिथौरागढ़: धारचूला में काली नदी किनारे तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से हुई पत्थरबाजी से भारत में भारी आक्रोश है। रविवार को नेपाल की तरफ से पथराव, नेपाल पुलिस द्वारा पुल बंद करने, अनुरोध के बाद भी नहीं खोलने, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करने का मामला सामने आया था। इसमें भारतीय नागरिकों को चोटें भी आई।
घटना के विरोध में व्यापार मंडल के नेतृत्व में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय पुल बंद कर दिया और धारचूला बाजार बंद रखा। अंतरराष्ट्रीय पुल बंद कर दिए जाने से नेपाल के लोग प्रभावित हो गए। सुबह नेपाल से लोग स्थानीय उत्पाद बेचने, मजदूरी करने और खरीददारी के लिए भारत आते हैं। जबकि इस समय भारत से नेपाल जाने वालों की संख्या नहीं के बराबर रहती है।
स्थिति को देखते हुए एसडीएम दिवेश शाशनी पुल के पास पहुंचे। जहां पर व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि तटबंध निर्माण कार्य के दौरान सात बार नेपाल से पथराव किया जा चुका है। रविवार को पथराव के बाद नेपाल की तरफ से बिना सूचना के ही पुल बंद कर दिया। फंसे लोगों द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बाद भी पुल नहीं खुला।
जब पुल खुला तो नेपाल पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। जिसमें भारतीय नागरिकों को चोट आयी। एसडीएम से इसके लिए नेपाल के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक पुल नहीं खोलने की चेतावनी दी। एसडीएम शाशनी द्वारा इस संबंध में नेपाल के दार्चुला प्रशासन के साथ बात करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में वार्ता के लिए नेपाल प्रशासन से बात हो चुकी है। प्रशासन इस संबंध में नेपाल प्रशासन से बात करने वाला है। इस दौरान उन्होंने पुल और बाजार खोलने को कहा। एसडीएम के आश्वासन पर व्यापारियों ने पुल और बाजार खोला। साथ ही 8 दिसंबर तक कार्रवाई नहीं होने पर 9 दिसंबर से आंदोलन की धमकी दी। इसे लेकर व्यापारियों ने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।