सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन और ए. राजा के बयानों से कांग्रेस ने बनाई दूरी

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इंडिया बठबंधन बनने के बाद से ही भाजपा और इंडिया के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और डीएमके सांसद ए.राजा की सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने दूरी बना ली है. कांग्रेस का कहना है कि वो इससे सहमत नहीं है और सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं.

कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमारी पार्टी ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती. उन्होंने कहा, श्श्हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं. किसी धर्म को कमतर नहीं करना चाहिए. संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता. कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है.

खेड़ा ने यह भी कहा कि श्इंडियाश् गठबंधन के सभी दल सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. दरअसल 28 दलों वाले विपक्षी गठबंधन श्इंडियाश् का हिस्सा कांग्रेस और डीएमके भी है. डीएमके सांसद ए राजा ने भी सनातन को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा, श्श्उदयनिधि स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने में विनम्रता दिखाई.श्श् उन्होंने इसकी तुलना एचआईवी से कर दी.

तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इससे समाज में असमानता और विभाजन बढ़ा है. उन्होंने इसकी तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से की थी. उदयनिधि स्टालिन ने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. इस दौरान मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल के जवाब देने के बजाए वो दुनिया में घूम रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ए राजा के बयान पर कहा कि ये शर्मनाक है. ऐसा लगता है कि एचआईवी की जानकारी रखने वाले ने डेंगू और मलेरिया की दवाई ले ली. इस कारण इनका ब्रेन डैमेज हमेशा के लिए हुआ है. सनातन धर्म के बारे में ऐसी बात करने वालों को शर्म आनी चाहिए है. मुझे लगता है कि जनता के सामने इन्हें जवाब देना होगा.

उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भी बीजेपी हमलावर है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर पूरे मामले को लेकर हमला किया था. उन्होंने कहा कि काँग्रेस और गांधी परिवार को वास्तव में सभी धर्मों के प्रति सम्मान में विश्वास है तो उन्हें उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए क्योंकि उनकी चुप्पी विवादास्पद टिप्पणियों का समर्थन करने के समान होगी.