हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेला संपन्न होने के बाद जो स्थिति नजर आ रही है। उसे देखकर आपको भी धर्मनगरी की चिंता होने लगेगी। धर्मनगरी में धर्म का काम करने आए कांवड़िए तो लौट गए, लेकिन अपने साथ लाई गंदगी यहीं छोड़ गए। पीने के पानी की बोतलों से लेकर कपड़े ओर प्लास्टिक के ढेर हर कहीं नजर आ रहे हैं। अब नगर निगम इन गंदगी के ढेरों को साफ करने के लिए अभियान चलाने की तैयारी में हैं।
गंदगी को लेकर हरिद्वार के डीएम का कहना है कि जहां करोड़ों लोग एक साथ जमा होते हैं। वहां, इस तरह की गंदगी कोई नई बात नहीं है। उनका कहना है कि अगले एक-दो दिनों के भीतर गंदगी को साफ कर लिया जाएगा। गंदगी के ढेर गंगा घाटों से लेकर रोड़ीबेलवाला, पंतद्वीप और दूसरी जगहों पर भी लगे हैं। लोगों को दुर्गंध से बुरा हाल है। संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है।
जिस तरह से पहले से ही इस बात का अंदाजा था कि इस बार कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में कांवड़िए पहुंच सकते हैं। उस अनुपात में व्यवस्थाएं नहीं की गई। शौचालय तक पर्याप्त नहीं थे। जिसका नतीजा यह हुआ कि कांवड़िए खुले में ही शौच कर रहे थे। अब उनकी गंदगी लोगों के लिए संकट बन गई है।
हरिद्वार में आम स्नान पर्वों में करीब 500 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरिद्वार में इस वक्त कितना कूड़ा जमा होगा। लोग कैसे गंदगी से उठ रही दुर्गंध के बीच रह रहे होंगे। अधिकारी दावे जरूर कर रहे हैं, लेकिन जिस तरहर से गंदगी के ढेर जमा हैं। उससे लगता नहीं है कि अगले एक-दो दिनों भीतर सबकुछ साफ हो जाएगा।