नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ ताकतें हैं जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रही हैं और उन्हें संस्थान के छात्रसंघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ भी देखा गया है।
रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी JNU छात्रसंघ का चुनाव संपन्न होने के बाद आयी है। अभी हाल ही में संपन्न जेएनयू छात्रसंघ चुनावों में सभी चार प्रमुख पद वामपंथी समूहों ने जीते हैं। चुनाव के दौरान आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के बीच झड़पें भी हुई थीं।
भारतीय महिला प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू की पूर्व छात्रा रहीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से विश्वविद्यालय के घटनाक्रम के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में (जेएनयू में) जो चीजें हुई हैं, वे वास्तव में उत्साहजनक नहीं हैं।’रक्षा मंत्री ने कहा, कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रही हैं और वे छात्रसंघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ भी देखे जाते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, उनकी पुस्तिकाएं कहती हैं कि वे भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं। उनकी विवरणिकाएं (ब्रोशर) ऐसा कहती हैं। जेएनयूएसयू का नेतृत्व करने वाले या जेएनयूएसयू सदस्य खुले तौर पर ऐसी ताकतों के साथ शामिल होते हैं, इसलिए उन्हें भारत विरोधी कहने में आपको संकोच करने की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में नौ फरवरी, 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए थे। इसके बाद राष्ट्रवाद पर देशव्यापी बहस के केंद्र में जेएनयू आ गया था। रक्षामंत्री के बयान पर जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष एन साई बालाजी ने हमला बोला है। बालाजी ने सीतारमण पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने खुद अभी तक राफेल समझौते पर सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। बालाजी ने कहा कि सरकार चाहती है कि देश राष्ट्रवाद बनाम राष्ट्रवाद विरोध पर चर्चा करे। वह मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।