मंदिर में दलितों के रोक पर हाईकोर्ट ने मांगा डीएम दून से जवाब

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विकासनगर के एक मंदिर में दलितों के प्रवेश पर पिछले दिनों हुए भेदभाव का मामला जनहित याचिका के जरिए हाईकोर्ट पहुंच गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डीएम देहरादून को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने याची व उसके परिवार को सुरक्षा देने के निर्देश एसएसपी देहरादून को दिए हैं।

विकासनगर, देहरादून निवासी दौलत कुंवर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि जौनसार भाबर में पिछले दिनों दलितों के मंदिर में प्रवेश करने पर सवर्ण जाति के लोगों ने आपत्ति जताई तथा मारपीट की। पथराव में याचिकाकर्ता व उसके साथी घायल हो गए थे। उस दौरान सांसद तरुण विजय पर भी हमला किया गया था।

याची ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जौनसार भाबर के मंदिरों में दलितों के जाने पर सवर्णों द्वारा रोकने से बचाने के लिए प्रशासन से कहा जाए और उनके मंदिरों में प्रवेश को सुनिश्चित करवाया जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आयुष नेगी की ओर से बताया गया कि जनहित याचिका दायर करने के बाद याचिकाकर्ता व उसके परिवार को जान का खतरा हो गया है।

शुक्रवार को पक्षों की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता व उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश एसएसपी देहरादून को दिए। न्यायालय ने डीएम देहरादून को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर विस्तृत शपथपत्र देने को कहा है।

वहीं याचिकाकर्ता दौलत कुंवर की ओर से मीडिया को बताया गया कि वह पिछले 13 वर्षों से उत्तराखंड में दलितों पर होने वाले अत्याचारों का विरोध करते हुए उनके हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल जौनसार भाबर के परशुराम मंदिर में दलितों और औरतों के प्रवेश कराने में जीत हासिल की है।