लखनऊ – टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) का लखनऊ में 33 साल से चल रहे ऑफिस बंद होने की खबर से घबराए 250 कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। शनिवार को यह मुलाकात मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जनता दरबार में हुई।
मुख्यमंत्री से इस पर कर्मचारियों ने कहा कि अगर टीसीएस चली गई,तो छोटी कंपनियां कैसे यहां निवेश करेंगी। इतने सालों से चल रही इस कंपनी के जाने से छोटी कंपनियों की मनोबल टूट जाएगा। इसके साथ ही कई कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। मामले में मुख्यमंत्री ने पूरी बात सुनने के बाद दो दिन का समय मांगा ओर बोले कि वे टीसीएस के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जरूर कुछ न कुछ अच्छा करेंगे, जिससे कर्मचारियों को मायूस नहीं होना पड़ेगा। हिंदुस्तान से बातचीत के दौरान कर्मचारियों ने अपना नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
आपको बता दें कि लीज के विवाद और बिल्डिंग का किराया बढ़ जाने के कारण बताते हुए टीसीएस लखनऊ को बंद किया जा रहा है। यहां के कर्मचारियों को नागपुर, इंदौर, नोएडा, कोलकाता की ब्रांच में ट्रांसफर करने की बातें हो रही हैं। हालांकि, कुछ पीएसयू राजाजीपुरम, जानकीपुरम, गोमतीनगर व हजरतगंज में खोले जाएंगे जो ऑनलाइन परीक्षाएं कराने व पासपोर्ट बनाने का काम देखेंगे। इनके अलावा सारे प्रोजेक्ट यहां से हटाए जा रहे हैं और इन प्रोजेक्ट्स से जुड़े कर्मचारियों के सामने नौकरी छोड़ने या ट्रांसफर लेने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि कोई कर्मचारी आधिकारिक तौर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है लेकिन नाम न छापने की शर्त पर ये लोग बताते हैं कि उन्हें साफतौर पर कह दिया गया है कि टीसीएस लखनऊ बंद हो रही है।