सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY chandrachud) और जस्टिस एमआर शाह (Justice MR shah) ने मंगलवार के दिन एक मामले की सुनवाई करते हुए नोएडा में स्थित रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertechs) को एक बड़ा झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट (Emarald court project) के दो टॉवरों 16 और 17 को अवैध ठहराते हुए गिराने का आदेश दिया है।
कोर्ट का कहना है कि ये 2 टॉवर अवैध तरह से बनाए गए थे। जिसके चलते इनको गिराया जाना चाहिए और इसको गिराने के लिए कोर्ट ने 3 महीने का समय दिया है। बता दें कि दोनों टॉवर 40 मंजिला हैं और दोनों में कुल 950 फ्लैट हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि कंपनी को फ्लैट खरीदारों को ब्याज के साथ पैसे वापस करने होंगे। फ्लैट मालिकों को दो महीने में 12 प्रतिशत ब्याज सहित पैसा वापस करना होगा और साथ ही कंपनी को आदेश दिया कि वह 3 महीने के अंदर अपने ही पैसों से अवैध रूप से बने इन टॉवर्स को गिराए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को भी फटकारा। कोर्ट ने कहा कि “बिल्डर और अथॉरिटी मिलकर गैर कानूनी काम कर रहे हैं। बिल्डर अपने पैसे के बल पर हर तरह का उलंघन कर रहे हैं। नोएडा में गैर कानूनी अतिक्रमण और कंस्ट्रक्शन की बड़ी वजह बिल्डर और अथॉरिटी के ऑफिसर का गठजोड़ है।” कोर्ट ने बताया कि जब नक्शा पास हुआ था तब ये दोनों टॉवर अप्रूव नहीं हुए थे। बाद में नियमों का उल्लंघन करके ये टॉवर बनाए गए थे। जिसके कारण इनको ढहाने का आदेश जारी किया गया है।