देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दायर एक याचिका पर मंगलवार के दिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने फैसला सुना दिया है। इस फैसले के चलते कोर्ट ने बीएसएफ (BSF) के पूर्व जवान तेज़ बहादुर द्वारा दाखिल की गई अर्जी को खारिज कर दिया है। बता दें कि तेज़ बहादुर ने पीएम मोदी के वाराणसी (Varanasi) से निर्वाचन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी लेकिन उनकी इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद तेज़ बहादुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए तेज़ बहादुर द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने यह फैसला दिया। पीठ ने कहा कि “प्रधानमंत्री कार्यालय अनूठा कार्यालय है और इसके खिलाफ याचिका को अनिश्चितकाल के लिए लंबित नहीं रखा जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की थी कि तेज बहादुर का नामांकन उचित तरीके से खारिज किया गया था या अनुचित तरीके से, यह उनकी पात्रता पर निर्भर करता है।”
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला लेते हुए कहा था कि “तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। इस आधार पर उसका इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता।” बता दें कि तेज बहादुर ने सैन्य बलों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था, जिसके चलते 2017 में उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।