करीब दो साल के लंबे इंतज़ार के बाद सनी देओल एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौटे हैं—इस बार फिल्म ‘जाट’ के साथ। गदर 2 की बंपर सफलता के बाद दर्शकों को सनी से बड़ी उम्मीदें थीं, और कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने फैंस को निराश नहीं किया।
कहानी में है दम और जबरदस्त टक्कर
फिल्म की कहानी शुरू होती है खतरनाक विलेन राणातुंगा (रणदीप हुड्डा) से, जो श्रीलंका से भागकर आंध्र प्रदेश में अपना आतंक फैलाता है। 40 गांवों पर उसका कब्जा है और वह मौत का कारोबार करता है। लेकिन उसकी पत्नी भारती (रेजिना कैसेंड्रा) और पुलिस अफसर विजयलक्ष्मी (सैयामी खेर) जब उसका सामना करती हैं, तो कहानी नया मोड़ लेती है।
इसी बीच फिल्म में एंट्री होती है सनी देओल के किरदार ‘जाट’ की, जो न सिर्फ राणातुंगा के साम्राज्य को चुनौती देता है बल्कि उसका अतीत भी खंगालता है। कहानी में ट्विस्ट, पुराने राज़ और टकराव के ऐसे मोड़ आते हैं जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।
सेकेंड हाफ में जबरदस्त पकड़
2 घंटे 38 मिनट लंबी फिल्म का पहला हाफ थोड़ा हल्का लग सकता है, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म पूरी रफ्तार पकड़ती है। गोपीचंद मलिनेनी का डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले सेकेंड हाफ में अपना असर दिखाता है। सनी देओल के किरदार के पीछे का सस्पेंस अंत तक बना रहता है, जो फिल्म को दिलचस्प बनाए रखता है।
परफॉर्मेंस में सभी पास
सनी देओल वही दमदार, गुस्सैल और जोशीले अवतार में हैं जिनके लिए वे जाने जाते हैं। उनके पंच और डायलॉग्स सीटी बजाने वाले हैं।
रणदीप हुड्डा विलेन के किरदार में एकदम फिट हैं—उनका अंदाज़, बॉडी लैंग्वेज और स्क्रीन प्रेजेंस कमाल का है।
विनीत कुमार सिंह ने एक बार फिर निगेटिव रोल में चौंकाया है, जबकि सैयामी खेर, रेजिना कैसेंड्रा, राम्या कृष्णन और जगपति बाबू जैसे कलाकारों ने भी अपनी भूमिका को मजबूती से निभाया है।
टेक्निकल लेवल पर भी मजबूत फिल्म
गोपीचंद मलिनेनी का डायरेक्शन पॉलिश्ड और मास अपील वाला है। बैकग्राउंड स्कोर सनी के एक्शन को ऊंचा उठाता है। सिनेमैटोग्राफी शानदार है—कुछ सीन इतने पावरफुल हैं कि स्क्रीन पर देखते ही शॉक लगता है।
फुल पैसा वसूल फिल्म
जाट पूरी तरह से एक मसालेदार, हाई वोल्टेज एक्शन ड्रामा है, जिसमें सनी देओल और रणदीप हुड्डा की टक्कर देखने लायक है। अगर आप पुराने सनी देओल के फैन हैं और एक्शन से भरपूर फिल्म देखना चाहते हैं, तो जाट जरूर देखें।