देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जिला आपदा प्रबंधन योजना (DDMP) और राज्य आपदा प्रबंधन योजना (SDMP) की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि इन योजनाओं को जल्द से जल्द तैयार किया जाए।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत ये योजनाएँ बनाई जा रही हैं। यूएसडीएमए के एसीईओ (क्रियान्वयन) डीआईजी श्री राज कुमार नेगी ने कहा कि DDMP और SDMP आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों को इन्हें प्रभावी तरीके से तैयार करने के सुझाव भी दिए।
एसीईओ (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों (DDMO) को SDRF और SDMF के लिए शीघ्र डिमांड भेजने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने सुरंगों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने, विभिन्न बांधों, बड़ी परियोजनाओं और संरचनाओं के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान विकसित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (JCEO) मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. बिमलेश जोशी, डॉ. वेदिका पंत, श्री रोहित कुमार, सुश्री तंद्रीला सरकार, श्री हेमंत बिष्ट, श्री अंकित सती, डॉ. रुचिका टंडन, श्री वैभव बहुगुणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए देशभर के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMA) के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में हीट वेव से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई और प्रभावी रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, यूएसडीएमए के एसीईओ (प्रशासन) आनंद स्वरूप, एसीईओ (क्रियान्वयन) डीआईजी राज कुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी और डॉ. बिमलेश जोशी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वैज्ञानिकों ने बताया कि इस वर्ष मार्च, अप्रैल और मई में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। डॉ. नरेश कुमार ने जानकारी दी कि इस साल पिछले वर्षों की तुलना में अधिक गर्मी पड़ने और हीट वेव के दिनों में वृद्धि होने की आशंका है।
गर्मी से बचाव के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
NDMA अधिकारियों ने भीषण गर्मी के मद्देनजर स्कूलों और श्रमिकों के कार्य समय में बदलाव करने की सिफारिश की, ताकि वे हीट वेव के प्रभाव से बच सकें। सभी राज्यों को हीट वेव एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।
डॉ. आकाश श्रीवास्तव, अपर निदेशक, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने बताया कि सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है, जिसमें हीट वेव से बचाव के लिए व्यापक कार्ययोजना और सुझाव शामिल हैं।
हीट वेव से बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदम:
- अस्पतालों में अलग से हीट स्ट्रोक रूम बनाने के निर्देश.
- एम्बुलेंस में हीट स्ट्रोक पीड़ितों के उपचार की विशेष व्यवस्था।
- डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना।
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कूलिंग अप्लायंसेज की व्यवस्था।
- विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था।
- कूल रूफिंग सॉल्यूशंस को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू करना।
- प्रत्येक राज्य में एक ‘हीट नोडल ऑफिसर’ की तैनाती।
- NDMA ने सभी राज्यों को गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति विशेष सतर्कता बरतने और समय रहते ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है।