कोरो’ना संक्र’मण का असर सभी की ज़िंदगी में पड़ने लगा है और इसे लेकर लोगों को कई तरह की बं’दिशों का सामना भी करना पड़ रहा है। इसी में से एक है सावन का महीना भी, हर सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए कांवड यात्रा निकाली जाती है। कांवड लटकाए कई श्रद्धालु बाबा बैजनाथ के दर्शन कर उन पर जल चढ़ाते हैं लेकिन कोरो’ना संक्र’मण को देखते हुए इस साल ये सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। झारखंड कोर्ट में इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका दा’यर की गयी थी, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्ण’य दिया है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस याचिका को दायर किया था जिसमें आग्रह किया गया था कि सावन में देवघर मंदिर के पट खोलने और श्रावणी मेला का आयोजन को लेकर सरकार को आदेश दिया जाए। लेकिन इस मामले में अदालत ने ये फ़ैसला लिया कि कोरो’ना संक्र’मण के ख़’तरे को देखते हुए इस साल बाबा बैजनाथ की यात्रा और श्रावणी मेले का आयोजन नहीं किया जा सकेगा बल्कि इसके बजाय घर बैठे दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।
अदालत ने सरकार को ये निर्देश दिया है कि सरकार भक्तों के लिए बाबा बैजनाथ के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था करवाएँ। कुछ दिनों पहले ही माता वैष्णवदेवी के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गयी है। न्यायालय ने सरकार के फ़ैसले को चु’नौती देने वाली याचिका को ख़ा’रिज करते हुए ये फ़ै’सला किया है और सरकार के फै’सले को सही ठ’हराया क्योंकि कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर प्रदेश के साथ-साथ केंद्र सरकार के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी तरह का ऐसा आयोजन ना हो, जिससे इस महामा’री का प्रसार हो।