कहते हैं राजनीति को समझ पाना काफी मुश्किल है। दरअसल, असल बात तो ये है कि बिहार की राजनीति को समझ पाना काफी मुश्किल है। पिछले कुछ समय से बिहार की राजनीति के देख हर कोई हैरान है। बिहार में सत्ता बदलने के बाद नीतीश कुमार लगातार चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में भाजपा से अलग होने के राजद के साथ सरकार बनाने के बाद अब नीतीश कुमार ने विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
लेकिन उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार सत्ताधारी महागठबंधन ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। महागठबंधन का मानना था कि भाजपा से अलग होने के बाद सिन्हा खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, हालांकि उन्होंने तो अविश्वास प्रस्ताव जारी होने के बाद भी अपना पद छोड़ने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि “अविश्वास प्रस्ताव में संसदीय नियमों का ख्याल नहीं रखा गया।
वह आगे कहते हैं कि “विधान सभा के अध्यक्ष पद के रुप में खुद के विरूद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का प्रतिकार करते हुए इस्तीफा नहीं देंगे।” उनके इस्तीफा न देने पर नीतीश कुमार ने कहा कि “नियम कानून उनको मालूम होना चाहिए। सरकार बदलने पर विधानसभा स्पीकर खुद से इस्तीफा दे देते हैं, लेकिन विजय कुमार सिन्हा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है।” देखना ये होगा की अब वह इसको लेकर क्या फैसला करते हैं और इस पर महागठबंधन का क्या रिएक्शन होगा।