मॉस्को। ईरान से उड़ान भरकर मंगलवार को रूसी लड़ाकू विमानों ने सीरिया में बम बरसाए। पिछले साल सितंबर में रूस ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में हवाई अभियान शुरू किया था।
इसके बाद से यह पहला मौका है जब रूस ने किसी दूसरे देश की जमीन का इस्तेमाल इस अभियान में किया है। साथ ही 1979 की क्रांति के बाद यह पहला मौका है जब ईरान ने किसी देश को सैन्य अभियान के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।
यह मध्य-पूर्व में रूस के बढ़ते दखल और ईरान से उसकी नजदीकियों का सुबूत है। इससे रूसी वायुसेना की हमला करने की क्षमताओं में भी इजाफा होगा। रूसी सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार उसके तुपोलेव-22एमबी और सुखोई-34 विमानों ने ईरान के हमदान सैन्य अड्डे से सीरिया के लिए उड़ान भरी।
इन विमानों ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) और अल-नुसरा के ठिकानों पर अलेप्पो, इदलिब और दीर अल जोर प्रांत में हमले किए। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना ने कहा है कि दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे के संसाधनों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। साथ ही दोनों देश असद सरकार का समर्थन करते हैं।
दूसरी ओर, सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया है कि मंगलवार को अलेप्पो में विद्रोहियों के प्रभाव वाले दो जिलों में हवाई हमलों में 19 नागरिकों की मौत हो गई। इनमें तीन बच्चे हैं। रूस के हवाई हमलों में 12 विद्रोहियों के मरने की भी संगठन ने पुष्टि की है।
गौरतलब है कि असद सरकार के खिलाफ मार्च 2011 में शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन कुछ ही दिनों में हिंसक हो गया था। इसके बाद से सीरिया में दो लाख 90 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।