म्यांमार के रखाइन से अपनी जान बचाकर भारत पहुंचे रोहिंग्या मुस्लिमों के बारे में बीएसएफ ने कहा है कि फिलहाल किसी भी आंतकी संगठनों के साथ रोहिंग्या मुस्लिमों का कोई सपर्क सामने नहीं आया है। केंद्र की मोदी सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के आतंकी संगठनों के कथित रिश्तों के हवाला देकर वापस भेजने पर जोर दिया था। बता दें कि म्यांमार में बोद्ध चरमपंथियों और म्यांमार की सेना के अत्याचारों से बचने के लिए रोहिंग्य मुस्लिमों ने बांग्ला देश और भारत में शरण ले रखी है।
सीमा सुरक्षा बल के डायरेक्टर जनरल केके शर्मा ने बुधवार को कहा कि अभी तक सुरक्षा बलों को किसी भी रोहिंग्या मुसलमानों के टेरर ग्रुप से लिंक होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय खुफिया एजेंसियां रोहिंग्या मुसलमानों के संबंध में आतंकी होने की होने की कोई जानकारी देती हैं तो उसे गंभीरता से लिया जायेगा।
शर्मा ने बताया कि इस साल के अक्टूबर माह तक बीएसएफ ने 87 रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से 76 को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान उनके पास कोई हथियार या गोला बारूद भी नहीं मिला।