RBI ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके बारे में ज्जानकर आप हैरान रह जायेंगे. ये रिपोर्ट बताती है इक भारत के लोग कमाओ और मौज उड़ाओ के फार्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं. लोगों की आमदनी कितनी बढ़ रही है या घट रही है. इसे मापने के लिए पर कैपिटा इनकम का सहारा लिया जाता है. मतलब उस देश के लोगों की प्रति व्यक्ति आय कितनी है. अपने देश की बात की जाए तो भारत के लोगों की इनकम बढ़ रही है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात है कि कमाई बढ़ने के बाद भी लोगों के हाथ में पैसा बच नहीं रहा. या इसे यूं कहे कि लोग जो कमा रहे और सब उड़ा दे रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. ये खुलासा भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में हुआ है.
TV9 की रिपोर्ट के अनुसार RBI की हाउसहोल्ड एसेट और लायबिलिटीज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हाउसहोल्ड सेविंग 50 साल के निचले स्तर पर आ चुका है. इसकी वजह से लोग कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं. आलम यह है कि बचत तो भूल जाइए, लोग कर्ज लेकर अपनी शौक और जरुरतें पूरी कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 के दौरान भारत की हाउसहोल्ड सेविंग में तेज गिरावट दर्ज की गई है. इस दौरान हाउसहोल्ड सेविंग गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है.
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की GDP के हिसाब से बचत का आंकड़ा देखे तो नेट सेविंग गिरकर 13 लाख करोड़ के करीब रह गई है. यह आंकड़ा पिछले 50 सालों में सबसे कम है. तो क्या लोगों की आमदनी कम हो गई है. RBI की रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे महंगाई भी एक अहम कारण है. लोग बढ़ती महंगाई के चलते बचत नहीं कर पा रहे हैं. उल्टा जरुरतें पूरी करने के लिए लोन का सहारा ले रहे हैं.
RBI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोगों की फाइनेंशियल लायबिलिटी तेजी से बढ़ रही है. जिस कारण लोग छोटी छोटी चीजों के लिए भी कर्ज का सहारा लेने लगे हैं. साल 2021-22 में फाइनेंशियल लॉयबिलिटी केवल 3.8 फीसदी थी. जो साल 2022-23 में बढ़कर 5.8 फीसदी पर पहुंच गई है. आज के दौर में लोग जमीन, मकान, दुकान खरीदने के लिए तो लोन ले ही रहे हैं. साथ ही शादी-ब्याह यहां तक की हनीमून जैसे लग्जरी काम के लिए भी लोन का सहारा ले रहे हैं. दरअसल कोरोना के बाद लोगों का कंजप्शन बढ़ गया है. ऐसा नहीं है कि लोगों की कमाई नहीं बढ़ी है. लेकिन यहां चिंता की बात है कि कमाई के मुकाबले खर्च बढ़ गया है.
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन के आंकड़ों के मुताबिक भारत के लोगों की इनकम में इजाफा हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की पर कैपिटा इनकम में साल 2011-12 के मुकाबले 35 फीसदी बढ़ी है. साल 2014-15 में भारत के लोगों की पर कैपिटा इनकम 72,805 रुपए अनुमानित थी जो साल 2022-23 में बढ़कर 98,374 रुपए अनुमानित हो गई है.