शुक्रवार से उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में राम जन्मभूमि में राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान में सबसे पहले भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से चंदा लिया गया है। ऐसे में इस अभियान की शुरुआत रामनाथ कोविंद से होने पर सबकी नजर इस पर ही थी कि राष्ट्रपति कितना योगदान देंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज और विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और इस अभियान की शुरुआत की।
इस दौरान राम मंदिर के लिए राष्ट्रपति से 5 लाख रुपये का दान दिया। इसके अलावा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भी विश्व हिंदू परिषद (VHP) को राम मंदिर निर्माण के लिए 1 लाख रुपये की राशि दान में दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि “भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण में एक ईंट हमारे परिवार की भी लगेगी। यह राम मंदिर नहीं राष्ट्र मंदिर है। श्री राम जी भारत की पहचान हैं। यह सौभाग्य है कि मंदिर का निर्माण जनसहयोग से प्रारंभ हो रहा है और उसमें गिलहरी की तरह हमें अपना योगदान देने का सौभाग्य मिला।”
बता दें कि बीते दिनों राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि “राम मंदिर निधि समर्पण अभियान जनता की स्वेच्छा से मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित भाव से दान लिया जाएगा। इस योजना को भारत में 50 करोड़ लोगों तक पहुंचाने की हमारी मंशा है। इस अभियान में जुटाई गई राशि को चंदा नहीं कहा जाएगा। इस अभियान में जमा किया गया पैसा भगवान का पैसा कहा जाएगा और इसे मांगा नहीं जाएगा।”