राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका में हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय प्रवासियों की एक सभा को दिए संबोधन में केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। भाजपा लोगों को डरा रही है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन, कुछ भी काम नहीं आया और यात्रा का प्रभाव बढ़ गया. यह इसलिए हुआ, क्योंकि ‘ज्वाइन इंडिया’ का विचार हर किसी के दिल में ह।
सैन फ्रैंसिस्को एयरपोर्ट पर राहुल का स्वागत इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और IOC के अन्य सदस्यों ने किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल को इमिग्रेशन क्लियरेंस के लिए एयरपोर्ट पर 2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान जब लोगों ने उनसे पूछा कि वह लाइन में क्यों खड़े हैं तो उन्होंने कहा कि मैं अब आम आदमी हूं, मैं अब सांसद नहीं हूं। इस पर कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल मार्च शुरू किया। यात्रा के दौरान हम जान रहे थे कि राजनीति में किन चीजों का इस्तेमाल होता है। इस तरह की बातचीत और पब्लिक मीटिंग काम नहीं आ रही थीं। सभी चीजें, जिनकी हमें राजनीति में जरूरत थी, उन्हें भाजपा और संघ ने कंट्रोल कर रखा था। लोगों को डराया जा रहा था, एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा था। हमें राजनीति करने में मुश्किल आ रही थी। ऐसे में हमने श्रीनगर तक यात्रा का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि जब हमने शुरुआत की, मुझे लगा कि देखेंगे क्या होता है। 5-6 दिन बाद लगा कि 4000 किमी की यात्रा आसान नहीं है। पुरानी घुटने की चोट भी उभर आई। मुझे चलने में बहुत दर्द होने लगा। अचानक कुछ बहुत चौंकाने वाला हुआ। मुझे अहसास हुआ कि 25 किमी यात्रा के बाद मुझे थकान नहीं महसूस होती थी। 6 बजे सुबह हम उठते थे और शाम 7-8 तक चलते थे और मुझे कोई थकान नहीं होती थी।
भारत जोड़ो के दौरान मुझे अहसास हुआ कि देश में क्या चल रहा है। मैं नहीं चल रहा था, भारत मेरे साथ चल रहा था। सभी धर्मों और समुदायों के लोग आ रहे थे, बच्चे आ रहे थे। ऐसा प्यार का महौल बन रहा था कि किसी को थकान नहीं हो रही थी। सब एक-दूसरे की मदद कर रहे थे। इसके बाद हमें आइडिया आया कि ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ खोली जाए।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के बारे में दिलचस्प बात यह है कि हम सबको प्यार करते हैं। कोई हमसे कुछ कहने आता है तो हम उसे सुनते हैं। हम आक्रामक नहीं होते, हम गुस्सा नहीं होते हैं। हम उन्हें प्यार करते हैं और यही हमारा किरदार है। यात्रा के दौरान एक अलग तरह की ऊर्जा आनी शुरू हो गई। सरकार के पास जितनी भी ताकत थी, उन्होंने यात्रा को रोकने में लगा दी। पुलिस का इस्तेमाल किया, कुछ काम नहीं आया। यात्रा का प्रभाव बढ़ता जा रहा था। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि आपने हमारी मदद की।’
राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया इतनी बड़ी है कि कोई यह नहीं कह सकता कि वह सब कुछ जानता है। यह एक बीमारी है कि कुछ लोगों का ग्रुप है, जो यह मानते हैं कि उन्हें सब कुछ पता है। उन्हें लगता है कि वह भगवान से भी ज्यादा जानते हैं। वह भगवान के साथ बैठकर उन्हें बता सकते हैं कि क्या चल रहा है। और साहब हमारे प्रधानमंत्री ऐसा ही एक उदाहरण हैं। मुझे लगता है कि अगर मोदीजी को भगवान के बगल बैठा दिया जाए तो वह भगवान को बताना शुरू कर देंगे कि दुनिया कैसे चलती है। भगवान भी चकित हो जाएंगे कि ये मैंने क्या बना दिया।
भारत में कुछ लोग सब कुछ जानते हैं। वह वैज्ञानिकों को विज्ञान सिखा सकते हैं। इतिहासकारों को हिस्ट्री सिखा सकते हैं। आर्मी को जंग लड़ना और एयरफोर्स को उड़ना सिखा सकते हैं। और असल बात यह है कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं है। जिंदगी में आप कुछ भी नहीं सीख सकते हैं, जब तक आप सुनने की आदत नहीं डालते हैं।”
भारत कभी भी किसी भी विचार को दरकिनार नहीं करता है। जो भी भारत आता है, उसका खुले दिल से स्वागत किया जाता है और उसके विचारों को हम आत्मसात करते हैं। इसी भारत का आप प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर आप गुस्से, घृणा और घमंड में भरोसा करते हैं तो आपको भाजपा की मीटिंग में बैठना चाहिए। और मैं मन की बात कर रहा होता। राहुल गांधी ने कहा, “उनकी संस्कृति और परंपरा का सम्मान करना और उनसे सीखने का शुक्रिया। आप सभी हमारे ऐंबैस्डर हैं। अमेरिका जब कहता है कि भारतीय इंटेलिजेंट हैं, सम्मान के योग्य हैं तो यह आपके व्यवहार के चलते है। मैं यहां 16 घंटे की उड़ान के बाद पहुंचा हूं। सुबह 6:30 बजे आया और मुझे लगा कि थोड़ी थकान होगी। लेकिन आपकी ऊर्जा को देखने के बाद अब मुझे कोई थकान नहीं है।