निर्भया के’स में जब को’र्ट का फ़ै’सला आया और दो’षियों को स’ज़ा-ए-मौ’त देने का ऐ’लान करके 22 जनवरी की तारीख़ निश्चित की गयी तो निर्भ’या के माता-पिता के साथ-साथ जाने देश के कितने लोगों को एक मानसिक शां’ति मिली कि आ’ख़िर अब उन्हें अपने जघ’न्य अप’राध की स’ज़ा मिलेगी। एक ओर जहाँ लोगों का क़ा’नून के प्रति विश्वा’स बढ़ा वहीं इसी क़ा’नून का सहारा लेकर नि’र्भया के दो’षी अपनी स’ज़ा को टा’लने में का’मयाब रहे हैं।
जब स’ज़ा का ऐ’लान हुआ तभी ये पता चल गया था कि सभी दो’षी अपनी ओर से इन चौदह दिनों के समय में अपने बाक़ी कामों को पूरा कर सकते हैं जिनमे क्यू’रेटिव पेटे’शन दा’ख़िल करना भी शामिल था। दो दो’षियों ने ये पे’टेशन दा’ख़िल की जो ख़ा’रिज भी हो गयी लेकिन जब आज स’ज़ा की सुन’वाई होनी थी तब दो’षी प’क्ष की वक़ील ने कहा कि उनमें से एक मुकेश की द’या या’चिका अब भी राष्ट्रपति के पास है और जब तक कोई या’चिका बाक़ी हो तब तक स’ज़ा का ऐ’लान नहीं किया जा सकता।
जज ने उनसे सवा’ल भी किया कि जब पहली बार दया या’चिका ख़ा’रिज हो गयी थी तो दुबारा या’चिका दा’यर करने में इतनी दे’र क्यों की गयी। ऐसे में वक़ील ने कहा कि उन्होंने बस दो दिन पहले ही या’चिका दा’यर की है। दूसरे प’क्ष के वक़ील का कहना है कि इस तरह क़ा’नूनी दाँ’वपें’च के ज़रिए दो’षियों को ब’चाया जा रहा है। उनका कहना है कि एक की या’चिका ख़ा’रिज होने के बाद वो दूसरे की या’चिका भेजेंगे क्योंकि चारों को एक साथ स’ज़ा मिलने वाली है।
इस तरह चारों की या’चिका एक-एक कर भेजने से उन्हें एक महीने से अधिक समय मिल जाएगा। निर्भया की माँ को’र्ट के बाहर परे’शान हाल’त में नज़’र आयीं और रो पड़ी उन्होंने कहा कि “क़ा’नून का स’हारा लेकर दो’षी लगातार ब’चते जा रहे हैं और अस’ली स’ज़ा हम भुग’त रहे है कभी यहाँ कभी वहाँ अल’ग-अल’ग अदाल’तों में भ’टक रहे हैं”